Haldwani Railway Encroachment Row: उत्तराखंड के हल्द्वानी में अतिक्रमण हटाने की रेलवे की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वे यहां पर रहने वाले 50 हजार लोगों के पुनर्वास के लिए केंद्र और रेलवे के साथ बैठक करे। शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही 29 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे लगा दिया। वहीं, केंद्र सरकार ने याचिका दायर कर 5 जनवरी 2023 के हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करने का आग्रह किया है।
Haldwani Railway Encroachment Row: कोर्ट ने क्या कहा?
जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्जल भुइंया की बेंच ने कहा कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा में ये परिवार दशकों से इस जमीन पर रह रहे हैं। वे भी इंसान हैं। अदालत क्रूर नहीं हो सकती है। शीर्ष अदालत ने केंद्र और उत्तराखंड सरकार के साथ ही रेलवे को चार हफ्ते में अधिग्रहण के लिए जमीन और उससे प्रभावित होने वाले परिवारों की पहचान करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही, अदालत ने प्रभावितों के पुनर्वास की योजना बनाने को भी कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 11 सितंबर को होगी।
रेलवे की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि ट्रैक और रेलवे स्टेशन के विस्तार के लिए तुरंत जमीन की जरूरत है। इस पर शीर्ष अदालत ने रेलवे से पूछा कि क्या आपने कोई नोटिस जारी किया था? इसके साथ ही अदालत ने पूछा कि अगर वहां अतिक्रमणकारी हैं तो आपको उन्हें नोटिस भेजना चाहिए था? आप कितने लोगों को वहां से हटाना चाहते हैं? इस पर एएसजी भाटी ने जवाब दिया कि हम वहां से 1200 झोपड़ी हटाना चाहते हैं।
Haldwani Railway Encroachment Row: अतिक्रमणकारी भी इंसान हैं
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि अगर बनभूलपुरा में रेलवे ट्रैक पर रहने वाले लोग अतिक्रमणकारी हैं तो भी वे इंसान ही हैं। वे दशकों से वहां रह रहे हैं। अदालत निर्दयी नहीं हो सकती, लेकिन वह अतिक्रमण को बढ़ावा भी नहीं देगी। पीठ ने उत्तराखंड सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब राज्य सरकार के सामने सब हो रहा था तो वह क्या कर रही थी। उसे कुछ करना चाहिए था।
Name Plate Controversy : संतों ने कहा- सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारे पक्ष में आएगा
बता दें कि रेलवे का दावा है कि उसकी जमीन पर 4365 लोगों ने अतिक्रमण कर अवैध रूप से रह रहे हैं। वहीं, यहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि इस जमीन पर उनका मालिकाना हक है। यहां पर रहने वाले लोगों में अधिकांश मुस्लिम है।