उत्तराखण्ड के अलमोड़ा की एक अदालत ने दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार और साथ काम करने वाले अधिकारी राजशेखर के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया था। इसके बाद मुख्य सचिव के खिलाफ fiR दर्ज की गई। NGO द्वारा चलाएं जा रहे स्कूल में अपने लोगों को भेजने और घोटाले में शामिल होने वाले अधिकारियों के सबूत छीनने के आरोप लगाए हैं। बता दें कि, अल्मोड़ा की अदालत में 2 मार्च को अधिकारियों के खिलाफ एक गैर सरकारी प्लेजेंट वैली फाउंडेशन ने शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद अदालत ने राजस्व पुलिस को मामला दर्ज करके आरोपों की जांच का आदेश दिया था।
लोगों ने की थी दफ्तर में तोडफोड़
प्लेजेंट वैली फाउंडेशन ने अदालत को बताया कि अधिकारियों ने NGO द्वारा संचालित स्कूल में चार लोगों को भेजा था। इन चारों ने मिलकर NGO के संयुक्त सचिव के कार्यालय कक्ष में तोडफोड़ की। साथ ही फाइल, रिकॉर्ड और पेन ड्राइव अपने साथ ले गए। NGO ने कहा है कि उन्हें सतर्कता विभाग और घोटाले के मामलों को वापस लेने के लिए कई बार धमकी दी गई है।
कागजों पर हस्ताक्षर का बनाया दबाव
NGO ने कहा कि अधिकारियों ने जिन लोगों को भेजा था, उन लोगों ने टाइप किए गए कागजों पर जबरदस्ती हस्ताक्षर करने का भी दवाब बनाया था। इस मामले से जुडें सभी दस्तावेजों को ये लोग अपने साथ ले गए थे। दस्तावेजों को ले जाने का NGO के लोगों ने विरोध किया तो वे लोग दराज में रखी नकदी भी लेकर चले गए। इस मामले में अल्मोड़ा के डीएम विनीत तोमर ने कहा कि अधिकारियों के खिलाफ अल्मोड़ा की अदालत के आदेश पर गोविंदपुर की पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
इन धाराओं में हैं केस दर्ज
दिल्ली के मुख्य सचिव के खिलाफ आईपीसी और एससी एक्ट की धारा 392 (डकैती), धारा 447, 120 बी (आपराधिक साजिश), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) और 506 {आपराधिक धमकी) के तहत एफआईआर दर्ज की है।