Devprayag Ganga Existence : देवभूमि उत्तराखंड में बांधों के कारण मोक्षदायनी गंगा का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। इसका जीता जाता उदाहरण देवप्रयाग में मां भागीरथी हैं, जो आज 45 किमी तक पूरी सूख चुकी हैं। किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भोपाल चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि भागीरथी नदी की दुर्दशा को देखते हुए वह आगामी 6 जुलाई से देवप्रयाग संगम तट पर आमरण अनशन करेंगे। उन्होंने सभी गंगाप्रेमी और पर्यावरण प्रेमी को मां गंगा के अस्तित्व को बचाने के लिए आगे आने आह्वान किया है।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए भोपाल चौधरी ने कहा कि देवप्रयाग में अलकनंदा और भागीदारी मिलकर गंगा बनाती हैं, लेकिन आज टीएचडीसी बांध के कारण भागीरथी पूरी तरह से सूख चुकी है, जिससे देवप्रयाग में देश-विदेश से पहुंचने वाले श्रद्धालु भी मायूस होकर लौट रहे हैं। उन्होंने कहा कि भागीरथी में तमाम जलजीव भी तड़प कर मर गए हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर उन्होंने जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सहित जल पुरुष राजेंद्र सिंह से मामले को लेकर वार्ता की है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार जल्द से जल्द भागीदारथी में पानी नहीं छोड़ती है तो वह जल समाधि लेने के लिए बाध्य होंगे।
बड़कोट में जल आंदोलन जारी
उत्तरकाशी जिले के बड़कोट में जल आंदोलन को करीब एक माह का समय हो गया है, लेकिन आंदोलनकारियों की अभी तक मांग पूरी नहीं हो सकी है। यही कारण है कि आंदोलनकारी अपनी मांग को लेकर तहसील परिसर बड़कोट में डटे हुए हैं। पेयजल पम्पिंग योजना की वित्तीय स्वीकृति की मांग को लेकर कर रहे क्रमिक अनशन के एक माह पूरे होने पर आज नगर पालिका क्षेत्र बड़कोट के मुख्य चौराह पर आंदोलकारी और नगरवासियों ने अनोखे तरीके से बारिश के बीच छाता लगा मानव श्रृंखला बनाकर नारेबाजी और खाली बाल्टी व बर्तन बजाकर प्रदर्शन किया। सरकार से पेयजल पम्पिंग योजना की वित्तीय स्वीकृति की मांग की।
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तहसील परिसर में चार सूत्रीय मांगों के निस्तारण के लिए धरना 30वें दिन भी जारी रहा। लोग समर्थन देने धरना स्थल पहुंच रहे हैं। नगरवासियों का कहना है कि जब तक पेयजल पम्पिंग योजना की स्वीकृति नहीं मिल जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि छोटी योजना से बड़कोट का पेयजल संकट कम नहीं होगा। यमुना नदी से पेयजल पम्पिंग योजना एक मात्र उपाय है। इसके साथ ही 6 जुलाई से महंत केशवगिरी महाराज भी भूख हड़ताल शुरू करने जा रहे हैं।
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