Delhi School Bomb Threat: बुधवार को दिल्ली एनसीआर को 100 से अधिक स्कूलों को धमकी भरा मेल आया था। धमकी भरे मेल आने के बाद स्कूलों को खाली करा लिया गया था और पुलिस प्रशासन मामले की जांच में जुट गई थी। मेल किसने भेजा था, पुलिस अब तक इसका पता नहीं लगा पाई है। इस मामले में दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने केंद्रीय गृह सचिव को रिपोर्ट दे दी है। दूसरी तरफ स्कूलों में बम रखे होने का मेल मिलने के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल व अपराध शाखा समेत स्थानीय पुलिस की करीब 50 से ज्यादा टीमें जांच कर रही हैं।
हालांकि मेल में स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी लेकिन जांच में किसी भी स्कूल में बम नहीं मिला। पुलिस ने जब इन मेलों की जांच की तो ईमेल का IP ऐड्रेस रूस का निकला। पुलिस का कहना है कि ईमेल भेजने में विदेश में एस्टेब्लिश सर्वर और डार्क वेब का इस्तेमाल किया गया है। डार्क वेब की वजह से पुलिस को ईमेल भेजने वाले को खोजना मुश्किल हो जा रहा है। इससे पहले भी कई स्कूलों को ईमेल को जरिए बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी।
क्या होता है Dark Web?
डार्क वेब इंटरनेट का ही एक हिस्सा है, लेकिन इस तक पहुंचना थोड़ा मुश्किल होता है। डार्क वेब पर अवैध और वैध दोनों तरह के काम होते हैं। इसके लिए स्पेशल ब्राउजर का इस्तेमाल किया जाता है। डीप वेब पर मौजूद कंटेंट को एक्सेस करने के लिए पासवर्ड की जरूरत होती है जिसमें ई-मेल, नेटबैंकिंग आते हैं। डार्क वेब को खोलने के लिए टार ब्राउजर का इस्तेमाल किया जाता है। डार्कवेब पर ड्रग्स, हथियार, पासवर्ड, पार्न जैसी प्रतिबंधित चीजें मिलती हैं। डार्क वेब में किसी को भी ट्रैस कर पाना बहुत मुश्किल होता है इस वजह से हैकर्स इसका इस्तेमाल करते हैं।
कैसे काम करता है डार्क वेब
आपको बता दें कि डार्क वेब ओनियन राउटिंग टेक्नोलॉजी पर काम करता है। ये यूजर्स को ट्रैकिंग और सर्विलांस से बचाता है और उनकी गोपनीयता बरकरार रखने के लिए सैकड़ों जगह रूट और री-रूट करता है। आसान शब्दों में कहा जाए तो डार्क वेब ढेर सारी आईपी एड्रेस से कनेक्ट और डिस्कनेक्ट होता है, जिससे इसको ट्रैक कर पाना असंभव हो जाता है। यहां यूजर की इन्फॉर्मेशन इंक्रिप्टेड होती है, जिसे डिकोड करना नाममुकिन है।
अब दिल्ली पुलिस और साइबर की टीम के सामने बड़ी चुनौती है कि कैसे डार्क वेब और प्रॉक्सी सर्वर के नेटवर्क को क्रैक करके उस शख्स तक पहुंचे, जिसने दिल्ली एनसीआर के 100 से अधिक स्कूलों को धमकी भरा मेल भेजा है।