Delhi Kedarnath Temple Case : हरिद्वार में उत्तराखंड सरकार द्वारा कैबिनेट की बैठक में चारों धामों के नाम का दुरुपयोग रोकने के लिए कड़ा कानून बनाए जाने के निर्णय का संत समाज ने स्वागत किया है। कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की छावनी में संतों ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के माध्यम से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान वरिष्ठ संत बाबा हठयोगी ने कहा कि सनातन हिंदू धर्म के चार धाम, 12 ज्योतिर्लिंग और 52 शक्तिपीठों का कोई विकल्प नहीं हो सकता। इसलिए उनके नाम का दुरुपयोग अथवा उनके नाम से कोई अन्य ट्रस्ट नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों और संस्थाओं के नाम भारतवर्ष की सांस्कृतिक संपदा है, जिनका सम्मान किया जाना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। कैबिनेट के इस निर्णय से सांस्कृतिक पहचान और अधिकार को संरक्षित करने में सहायता मिलेगी। वहीं, रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि पिछले काफी समय से कुछ लोग संस्थाओं द्वारा उत्तराखंड राज्य में स्थित चार धामों के नाम का प्रयोग कर ट्रस्ट, समिति व अन्य संस्थान बना रहे हैं, जिससे जन सामान्य में असमंजस और आक्रोश की आशंका पनप रही है। सरकार के इस निर्णय से चारधाम जैसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों की संस्कृति संपदा को स्पष्ट एवं आवश्यक विधिक सुरक्षा मिलेगी।
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युवा भारत साधु समाज के महामंत्री स्वामी रवि देव शास्त्री ने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने में सहयोग करने वाले इस ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत करती है। साध ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद ज्ञापित करती है। जल्द ही अखाड़ा परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से भेंटकर संत समाज की ओर से इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए उनका स्वागत करेगा।
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