Uttarakhand Forest Fire : देवभूमि में अग्नि प्रलय ने भारी तबाही मचाई है। जंगल-जंगल फैली आग अब इंसानी बस्तियों तक पहुंचने लगी है। विकराल होती आग का सीधा नुकसान अब इंसान झेलने वाले हैं। लोगों के घर और गाड़ियां आग की चपेट में आ रहे हैं। पिथौरागढ़ के धौलकांडा गांव में आग से एक घर का सारा सामान जल गया। चंपावत के क्वारसिंग गांव में बुधवार शाम एक घर में आग लग गई तो वहीं बागेश्वर के जौलकांडें गांव में दो मकान जंगल की आग में पूरी तरह जल गए। आग से झुलसने के कारण तीन लोगों की मौत हो गई। वहीं, सीएम पुष्कर सिंह धामी शनिवार को अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक करेंगे। इसमें वह प्रदेश में जंगलों में फैल रही आग को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर चर्चा करेंगे।
जंगल की आग में जानमाल का भारी नुकसान हो रहा है। अल्मोड़ा के सोमेश्वर में गुरुवार को जंगल की आग की चपेट में आने से एक नेपाली मजदूर की मौत हो गई, जबकि दो महिलाओं सहित तीन मजदूर बुरी तरह झुलस गए। तीनों घायलों को इलाज के लिए बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन, 90 फीसदी से अधिक जलने के चलते इन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। यहां गुरुवार देर रात एक और मजदूर ने दम तोड़ दिया। एक महिला मजदूर ने भी दम तोड़ दिया है। वहीं, एक महिला मजदूर का इलाज चल रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 10 वर्षों में जंगल में आग की घटनाओं में कुल 18 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 75 लोग अब तक झुलस चुके हैं। उत्तराखंड के जंगल धू-धू कर जल रहे हैं। बेशकीमती वन संपदा बर्बाद हो रही है। जंगलों की आग बुझने की बजाय बढ़ती जा रही है। आग ने विकराल रूप लेकर पूरे जंगलों को अपनी चपेट में ले लिया है। कुमाऊं से गढ़वाल तक जंगल सुलग रहे हैं और आग को बुझाने में प्रशासन की हालत खराब हो रही है।
पिछले 24 घंटे में आग की 66 घटनाएं हुईं हैं। इसमें 64 हेक्टेयर जंगल को भारी नुकसान हुआ है। इस फायर सीजन में अब तक कुल 828 आग की घटनाएं सामने आई हैं। जंगलों में भड़की इस आग में करीब एक हजार हेक्टेयर जंगल राख हो चुका है। जंगलों की आग बुझाने की तमाम कोशिशें हो रही हैं तो जंगलों के गुनहगारों पर सख्ती भी बरती जा रही है। पुलिस ने अब तक जंगलों में आग लगाने के आरोप में करीब 300 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। अब तक करीब 60 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। इतनी सख्ती के बाद भी जंगल सुलगते जा रहे हैं। ऐसे में अब वन विभाग और ज्यादा सख्त कार्रवाई करने जा रहा है। जंगलों में आल लगाने वाले आरोपियों को अब जेल जाना होगा। साथ ही आग से हुए नुकसान की पूरी भरपाई भी आरोपियों से ही कराई जाएगी।
हरिद्वार में वन विभाग ने आग की घटनाओं को काबू करने के लिए स्पेशल टीम बनाई है। जिले के DFO वैभव कुमार सिंह ने बताया कि वो लगातार जंगलों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। हर दो घंटे में रिपोर्ट मांगी जा रही है। साथ ही गश्ती टीम को 15 किलोमीटर की गश्त हर दिन करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा जिला प्रशासन और राजाजी टाइगर रिजर्व के साथ लगातार कोऑर्डिनेट करते हुए लगातार कॉम्बिंग की जा रही है। साथ ही वन विभाग फायर डिपार्टमेंट के साथ भी तालमेट बैठाकर काम कर रहा है। वन विभाग ने जंगलों में पानी के सभी स्रोतों को भर दिया है।
देवभूमि के जंगलों की ये आग किसी प्रलय से कम नहीं। इतनी भीषण आग पहाड़ों में पहले कभी नहीं देखी गई। आग से सबसे ज्यादा नुकसान पर्यावरण और वन्य जीवों को उठाना पड़ रहा है। जंगलों में रहने वाले जानवर और पक्षी आग से बैचेन हैं। वहीं, आग अब रिहायशी इलाकों तक भी अपना असर दिखा रही है। पूरा सिस्टम मिलकर आग बुझाने के लिए एड़ी से चोटी का जोर लगा रहा है। लेकिन, आग बुझाने में सफलता नहीं मिल पाई है। अगर जल्द जंगलों की आग पर काबू नहीं किया गया तो इसके परिणाम बेहद डरावने और घातक होंगे।