Arvind Kejriwal: CBI ने आबकारी नीति मामले में अरविंद केजरीवाल और अन्य के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में सोमवार को पूर्ण आरोप पत्र दाखिल किया। इस पत्र में CBI ने केजरीवाल पर आबकारी नीति मामले का मुख्य साजिशकर्ता होने का आरोप लगाया। सीबीआई ने अदालत के समक्ष पहले की सुनवाई में कहा था कि अरविंद केजरीवाल कथित शराब घोटाले की साजिश का हिस्सा हैं। दिल्ली सरकार के सभी फैसले उनके निर्देशों के अनुसार ही लिए गए थे।
आरोप पत्र में केजरीवाल को शराब घोटाले में मुख्य साजिशकर्ता में से एक बताया गया है। आरोप है कि आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ की रिश्वत मिली थी। इससे पहले 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को ईडी मामले में अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। हालांकि, सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से वह जेल से बाहर नहीं आ पाए। हाल ही में, दिल्ली की एक अदालत ने कथित शराब घोटाले में सीएम केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ा दी थी।
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इन लोगों को भी किया गया शामिल
CBI ने केजरीवाल के साथ-साथ आप के विधायक दुर्गेश पाठक, पी. सरथ चंद्र रेड्डी, अमित अरोड़ा, विनोद चौहान और आशीष माथुर को आरोपी बनाया है। एजेंसी ने के. कविता के खिलाफ अपने आरोपपत्र में कहा था कि शराब व्यवसायी मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी (तेलुगु देशम पार्टी के नेता एवं सांसद) ने 16 मार्च 2021 को दिल्ली सचिवालय स्थित केजरीवाल के कार्यालय में उनसे मुलाकात की थी और उनसे आबकारी नीति 2021-22 में बदलाव करने का अनुरोध किया था, ताकि राष्ट्रीय राजधानी में उनके शराब कारोबार को मदद मिल सके।
केजरीवाल के वकील की आई प्रतिक्रिया
केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा केजरीवाल के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने पर प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल के वकील विवेक जैन ने मीडिया से कहा, प्रवर्तन निदेशालय के नियम सख्त हैं और हमें उस मामले में जमानत मिल चुकी है। सीबीआई के मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को भी जमानत मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अब आरोप पत्र दाखिल हो चुका है, तो केजरीवाल भाग नहीं सकते है। मुकदमे के दौरान उन्हें जेल में रखना व्यर्थ है, क्योंकि इसमें लंबा समय लगेगा। हमें उम्मीद है कि अरविंद केजरीवाल को नियमित जमानत मिल जाएगी।