चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद से ही बदइंतजामी की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं। ऐसे में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए धामी सरकार ने कुछ और सख्त नियम लागू किए हैं। सभी तीर्थयात्री अब इन्हीं नियमों के आधार पर यात्रा कर सकेंगे। ट्रैफिक की सबसे लचर व्यवस्थाएं गंगोत्री धाम, यमुनोत्री धाम और यात्रा मार्ग पर देखने को मिली थीं। इसको लेकर प्रशासन ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
नए नियमों के तहत यमुनोत्री पैदल मार्ग पर आवाजाही को सुगम और सुरक्षित बनाने की कोशिश की गई है। इसलिए जानकीपट्टी से यमुनोत्री तक घोड़े-खच्चर और डंडी-कंडी से जाने वाले यात्रियों के लिए 1 घंटे की समयसीमा निर्धारित की गई है। मतलब घोड़ा-खच्चर और डंडी-कंडी से यमुनोत्री जाने वाले यात्रियों को 60 मिनट में दर्शन कर लौटना होगा। ऐसा न करने पर संचालक बिना यात्री को लिए ही वापस आ जाएंगे। इसके अलावा जानकीचट्टी से यमुनोत्री और यमुनोत्री से जानकीचट्टी आने-जाने वाले घोड़े-खच्चरों की अधिकतम संख्या 800 तय की गई है।
घोड़े-खच्चरों के आने-जाने का समय
नए नियम के तहत इस मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के आने-जाने का समय सुबह 4 बजे से शाम 5 बजे तक ही होगा। घोड़े-खच्चर के जरिए यात्रा पूरी करने की समयसीमा 5 घंटे तक की गई है। पांच घंटे से अधिक समय तक कोई भी घोडा-खच्चर यात्रा मार्ग पर नहीं रहेगा। घोड़ा-खच्चर का संचालन प्रीपेड काउंटर से होगा। पर्ची भी वहीं काटी जाएगी और वहीं पर भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा जानकीचट्टी से यमुनोत्री आने-जाने वाली डंडी-कंडी की अधिकतम संख्या 300 तय की गई है। इनके आवागमन का समय सुबह 4 बजे से शाम 4 बजे तक रहेगा। इस तरह यात्रा मार्ग पर प्रत्येक डंडी-कंडी सिर्फ 6 घंटे तक ही आना-जाना कर सकेगी। इन्हें 50 के लॉट में छोड़ा जाएगा। एक लॉट के छोड़े जाने के बाद दूसरा लॉट एक घंटे के अंतराल में ही छोड़ा जाएगा। वहीं, डंडी-कंडी का संचालन सिर्फ बिरला धर्मशाला से ही किया जाएगा।
रात 8 बजे के बाद वाहन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम नहीं जा पाएंगे
चारधाम यात्रा को लेकर उत्तरकाशी पुलिस ने एसओपी यानी विशेष कार्य योजना जारी की है। इसके तहत अब रात 8 बजे के बाद किसी भी वाहन को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम नहीं जाने दिया जाएगा। शाम 5 बजे के बाद कोई भी यात्री जानकीपट्टी से यमुनोत्री धाम दर्शन के लिए नहीं जा पाएगा। वहीं, रात 11 बजे के बाद यात्रा पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी। यमुनोत्री धाम जाने वाले वाहनों को रात आठ बजे के बाद डामटा, नौगांव, बड़कोट, दोबाटा, खरादी, पालीगाड से आगे जाने नहीं दिया जाएगा। इसी तरह गंगोत्री धाम जाने वाले वाहनों को रात आठ बजे बाद नगुण, उत्तरकाशी शहर, हीना, भटवाड़ी व गंगनानी से आगे नहीं भेजा जाएगा। वहीं, यमुनोत्री पैदल मार्ग पर सुबह 4 बजे से आवागमन शुरू होगा। शाम पांच बजे के बाद किसी को भी पैदल मार्ग पर नहीं भेजा जाएगा। साथ ही किसी भी पड़ाव पर यात्री वाहनों को दो घंटे से ज्यादा नहीं रोका जाएगा।
सुबह पांच बजे से शुरू हो जाएगा यातायात
हर दिन सुबह पांच बजे से यातायात व्यवस्था का आवागमन सुचारू रूप से होगा। हालांकि, आपातकालीन स्थिति में यात्रियों और श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा धाम जाने वाले श्रद्धालु रात 8 बजे के बाद होटल बुकिंग तक जा सकेंगे। इसके लिए श्रद्धालुओं को बैरियरों पर तैनात पुलिसकर्मी को होटल बुकिंग के संबंध में जानकारी और आवश्यक प्रमाण देना होगा।
बड़े वाहनों के लिए गेट सिस्टम लागू रहेगा
यमुनोत्री हाईवे पर पालीगाड़ से जानकीचट्टी के बीच 25 किलोमीटर के संकरे हिस्से में जाम से निपटने के लिए बड़े वाहनों के लिए गेट सिस्टम लागू रहेगा। इन बड़े वाहनों को रोककर एक निश्चित समय के बाद छोड़ा जाएगा। हालांकि, छोटे वाहन सुचारू रूप से चलते रहेंगे। वहीं, गंगोत्री हाईवे पर गंगनानी से डबरानी तक यानी 5 किलोमीटर और सुक्की से झाला तक यानी 7 किलोमीटर और हर्षिल से झाला तक यानी 14 किलोमीटर तक मार्ग पर वन-वे सिस्टम लागू रहेगा। चारधाम में इस बार भक्तों का सैलाब आया है।
10 दिन में 6 लाख से ज्यादा भक्त चारधाम पहुंचे
यात्रा शुरू होने के महज 10 दिन में 6 लाख से ज्यादा भक्तों ने चारधाम के दर्शन किए। भक्तों की भीड़ में धामी सरकार का सिस्टम फेल हो गया। हर जगह बदइंतजामी देखने को मिल रही है। इसका खामियाज़ा भक्तों को उठाना पड़ रहा है। धामी सरकार हर दिन सख्त नियम लागू कर रही है, जिससे यात्रियों की परेशानी भी बढ़ती जा रही है। कई भक्त तो ऐसे भी हैं, जो बिना चारधाम यात्रा किए ही अपने घर लौट गए हैं। यात्रियों का आरोप है कि धामी सरकार व्यवस्थाएं कर पाने में पूरी तरह नाकाम रही है और अब नए-नए नियन तीर्थ यात्रियों पर थोंपकर उन्हें हर तरह से परेशान किया जा रहा है।