Hathras Stampede Case: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में दो जुलाई को सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में गुरुवार को सूरजपाल उर्फ भोले बाबा घटना की जांच कर रहे न्यायिक आयोग के सामने पेश हुए। हालांकि, नारायण साकार हरि उर्फ सूरजपाल का नाम भगदड़ के बाद दर्ज की गई FIR में आरोपी के रूप में शामिल नहीं है।
योगी सरकार ने तीन जुलाई को हाथरस में हुए हादसे की न्यायिक जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बृजेश कुमार श्रीवास्तव (द्वितीय) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था। इस न्यायिक जांच आयोग में रिटायर्ड आईपीएस भवेश कुमार सिंह और रिटायर्ड आईएएस हेमन्त राव को सदस्य नियुक्त किया गया।
नारायण साकार हरि बयान देने के लिए पहुंचे न्यायिक आयोग
सूरजपाल के वकील ए.पी. सिंह ने बताया कि न्यायिक आयोग का कार्यालय लखनऊ में है। आज नारायण साकार हरि को बयान देने के लिए यहां बुलाया गया था। सिंह ने कहा कि हमें यूपी पुलिस, राज्य सरकार, न्यायपालिका और केंद्र पर पूरा भरोसा है। हमारे साथ न्याय होगा।
वकील ए.पी. सिंह ने कहा कि हमने वादा किया था, जब भी कोई जांच एजेंसी या जांच पैनल नारायण साकार हरि को बुलाएगा तो वह उपस्थित होंगे। आज सूरजपाल को बुलाया गया था, इसलिए वह यहां आए हैं। नारायण साकार हरि से जो भी पूछा जाएगा, वह उस पर अपना बयान देंगे।
भगदड़ कांड मामले में पुलिस ने 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में दर्ज की गई FIR में सूरजपाल का नाम आरोपी के रूप में दर्ज नहीं है। वहीं, पुलिस ने इस मामले में IPC की धारा 105, 110, 126 (2), 223 और 238 के तहत FIR दर्ज की थी।
हाथरस भगदड़ में 121 लोगों की मौत
हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई गांव में दो जुलाई को सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग के बाद मची भगदड़ में कुल 121 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में अधिकतर महिलाएं थीं।
पुलिस समेत सरकारी एजेंसियों ने आयोजकों पर कार्यक्रम में कुप्रबंधन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आयोजकों ने 80,000 लोगों के शामिल होने की बात कहकर कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति ली थी, लेकिन वहां ढाई लाख लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गयी।
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हालांकि, भोले बाबा के वकील ने दावा किया है कि कुछ अज्ञात लोगों द्वारा छिड़के गए किसी जहरीले पदार्थ के कारण भगदड़ मची थी।