Bharat Bandh: अनुसूचित जाति (SC) व जनजाति (ST) आरक्षण में क्रीमीलेयर के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आज ‘भारत बंद’ किया गया है। इस बंद का समर्थन बहुजन समाज पार्टी (BSP) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) जैसी पार्टियों ने भी किया है। दलित और आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ (NACDAOR) ने एससी, एसटी और ओबीसी के लिए न्याय और समानता सहित मांगों की एक लिस्ट जारी करते हुए भारत बंद की घोषणा की है।
क्या है NACDAOR की मांगें?
- नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन (NACDAOR) ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ विरोध जताते हुए अपनी मांगों की एक लिस्ट जारी की है। इसमें एससी, एसटी और ओबीसी के लिए न्याय और समानता की मांग की गई है।
- NACDAOR ने SC, ST और OBC के लिए आरक्षण पर संसद के एक नए अधिनियम के अधिनियमन की मांग की है, जिसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करके संरक्षित किया जाएगा।
- संगठन ने सरकारी सेवाओं में SC/ST/OBC कर्मचारियों के जाति-आधारित डेटा को तत्काल जारी करने की भी मांग की है, ताकि उनका सटीक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके।
- संगठन की मांग है कि समाज के सभी वर्गों से न्यायिक अधिकारियों और न्यायाधीशों की भर्ती के लिए एक भारतीय न्यायिक सेवा की स्थापना हो, जिसका लक्ष्य हायर ज्यूडिशियरी में SC, ST और OBC श्रेणियों से 50 फीसदी प्रतिनिधित्व लेना हो।
‘भारत बंद’ क्यों हो रहा है?
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक अहम फैसला दिया था, जिसमें राज्य सरकारों को एससी और एसटी के लोगों के बीच में ही अलग-अलग श्रेणियां बनाने की मंजूरी दी थी। कोर्ट ने कहा कि आरक्षण का सबसे अधिक फायदा जरूरतमंदों को मिलना चाहिए। शीर्ष अदालत के इसी फैसले से नाराज होकर NACDAOR ने भारत बंद की घोषणा की। उसने इस फैसले को दलित और आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ बताया। साथ ही, इसे वापस लेने की भी मांग की।
राजनीतिक पार्टियों ने भारत बंद का किया समर्थन
कई राजनीतिक पार्टियों ने भारत बंद का समर्थन किया है। इनमें सपा, बसपा और आरजेडी जैसी पार्टियों के नाम शामिल हैं। चिराग पासवान की पार्टी लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने भी भारत बंद को समर्थन दिया है। जीतन राम मांझी और उनकी पार्टी ने कहा है कि वह बंद के खिलाफ हैं और इसका समर्थन नहीं करते हैं। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने भी बंद का समर्थन किया है। कांग्रेस समेत कुछ अन्य पार्टियों के नेता भी बंद समर्थन में हैं।
राजस्थान के इन जिलों में छुट्टी
भारत बंद को देखते हुए राजस्थान के जयपुर, दौसा, भरतपुर, गंगापुर सिटी और डीग समेत पांच जिलों के स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। इसके अलावा, गुड़गांव, झुंझुनू और सवाईमाधोपुर जिले में भी स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है।
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फैसले को वापस लेने की मांग
NACDAOR ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट कोटे में कोटा वाले अपने फैसले को वापस ले या इस पर पुनर्विचार करे। बता दें कि अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि सरकार एससी के भीतर किसी एक जाति को 100% कोटा नहीं दे सकतीं। एससी में शामिल किसी जाति का कोटा तय करने से पहले उसकी हिस्सेदारी का पुख्ता डेटा होना चाहिए।
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क्या बंद रहेगा और क्या खुलेगा?
भारत बंद को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि बस कुछ जगहों पर ही सार्वजनिक परिवहन प्रभावित देखने को मिल सकता है। आपातकालीन सेवाएं जैसे- अस्पताल, एम्बुलेंस और चिकित्सा सुविधाएं चालू रहेंगी। बैंकों और सरकारी दफ्तरों को बंद करने को लेकर सरकार की ओर से कोई सूचना नहीं दी गई है, तो ये भी खुले रहेंगे। सभी शिक्षण संस्थान भी खुले रहेंगे।