Ban on Rafting in Uttarakhand : उत्तराखंड में मानसून आते ही बारिश से हाहाकार मचने लगा है। नदियां और नाले उफान पर हैं। ऐसे में अगर आप ऋषिकेश आने का मूड बना रहे हैं तो ये खबर पढ़ लीजिए। ऋषिकेश में अगले 2 महीनों के लिए राफ्टिंग बंद कर दी गई है। अब आप ऋषिकेश में राफ्टिंग का लुत्फ नहीं उठा पाएंगे। प्रशासन ने ऋषिकेश में राफ्टिंग बंद करने का फैसला लिया है।
गंगा नदी रिवर राफ्टिंग समिति ने एक जुलाई से गंगा में राफ्टिंग का संचालन पूरी तरह बंद कर दिया है। 1 जुलाई से 31 अगस्त तक ऋषिकेश राफ्टिंग पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बारिश के सीजन में नदियों का जलस्तर बढ़ जाता है। ऐसे में राफ्टिंग करना जान से खिलवाड़ करने जैसा है। यही वजह है कि प्रशासन की तरफ से राफ्टिंग को 2 महीने के लिए बंद कर दिया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से गंगा समेत अन्य नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए 30 जून तक कौड़ियाला, मरीन ड्राइव, शिवपुरी, ब्रह्मपुरी और क्लब हाउस से रिवर राफ्टिंग का संचालन बंद कर दिया जाता है। ऐसे में अब सितंबर में ही टूरिस्ट इसका आनंद ले पाएंगे।
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अप्रैल से शुरू हुई राफ्टिंग में करीब सवा चार लाख पर्यटकों ने राफ्टिंग का लुत्फ उठाया है। इसके चलते कारोबारियों ने जमकर मुनाफा कमाया। करीब 30 साल पहले ऋषिकेश में राफ्टिंग का सिलसिला शुरू हुआ था, जो अब पूरी तरह अपने चरम पर है। इस समय ढाई सौ से ज्यादा कंपनियों की 650 राफ्ट गंगा में संचालित हो रही हैं। करीब 10 हजार से ज्यादा लोग इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं और अपनी जीविका चला रहे हैं।
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पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के चलते गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। हर बार 1 जुलाई से लेकर 31 अगस्त तक राफ्टिंग पर रोक लगा दी जाती है। अप्रैल से लेकर जून तक राफ्टिंग के शौकीनों की भीड़ बढ़ती है। इस दौरान पर्यटकों का भारी क्रेज देखते ही बनता है। सुबह से लेकर शाम तक करीब 15 सौ पर्यटक राफ्टिंग का आनंद उठाते हैं।