योगगुरु बाबा रामदेव को आज भी सुप्रीम कोर्ट से माफी नहीं मिली। भ्रामक विज्ञापन मामले पर पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurveda) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को फिर सुनवाई हुई। अब सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होगी। आज हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव को एक हफ्ते का और वक्त दिया है। सुप्रीम कोर्ट में यह मामला भ्रामक विज्ञापनों और कोरोना के इलाज के दावों के संबंध में पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ अवमानन से जुड़ा हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस हिमा कोहली ने बाबा रामदेव से पूछा कि जो कुछ आपने किया है, क्या उसके लिए आपको माफी दें। इस सवाल के जवाब में बाबा रामदेव कहा कि मैं इतना कहना चाहूंगा कि जो भी हमसे भूल हुई उसके लिए हमने बिना शर्त माफी मांगी है। जिस पर अदालत ने कहा कि लेकिन आपने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और विज्ञापन भी दिए। इस पर कड़ी में सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव से कहा कि अभी हमने आपको इस मामले में माफी नहीं दी है। हम इस बारे में सोचेंगे।
बता दें कि इस मामले की सुनवाई जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच कर रही हैं। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को भ्रामक विज्ञापनों फैलाने पर कड़ी फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव के बिना शर्त माफी के हलफनामे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि हमारे तीन-तीन आदेशों को अनदेखा किया गया है। इन लोगों ने आदेशों का पालन ना करके बहुत बड़ी गलती की है और इनको इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा।
कोर्ट ने नवंबर 2023 में भ्रामक विज्ञापनों पर लगाई थी रोक
बता दें, कोर्ट ने नवंबर 2023 में पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाई थी। कोर्ट के फैसले के बाद पतंजलि ने कहा था कि वो अब ऐसे विज्ञापन नहीं करेगी, लेकिन कुछ दिन बाद ही कंपनी ने दोबारा भ्रामक विज्ञापनों का प्रसारण किया था। कोर्ट ने पतंजलि को आदेश दिया था कि वह मीडिया से दूरी बनाए रखे और आदेश के एक दिन बाद ही रामदेव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।