Hemkund Sahib : भारतीय सेना और हेमकुंड यात्रा को संचालित करने वाले गुरुद्वारा ट्रस्ट के सेवादार बर्फ के बीच में से रास्ता बनाते हुए हेमकुंड साहिब पहुंच गए। भारतीय सेना के जवानों और सेवादारों ने हेमकुंड पहुंचकर अरदास की और गुरुद्वारा प्रांगण के मुख्य द्वार को खोला। भारतीय सेना के 35 सदस्य एवं ट्रस्ट के 15 सेवादार इस दल में शामिल हैं। गुरुद्वारा परिसर में स्थित दरबार साहिब के कपाट 25 मई को खोले जाएंगे और गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश किया जाएगा।
बर्फ काटकर रास्ता बना रहे दल के सदस्यों में से कुछ लोग सीढ़ियों वाले रास्ते से बर्फ हटाएंगे और बाकी सदस्य खच्चरों के आवागमन के लिए पथ से बर्फ हटाएंगे। सेना के जवानों ने भरोसा दिलाया कि 20 मई तक सम्पूर्ण कार्य कर लिया जाएगा, ताकि यात्रियों को यात्रा करने में किसी प्रकार की असुविधा न हो।
हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे की यात्रा तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन, सेना और गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट ने कुछ दिन पहले तैयारियां शुरू कर दी थीं। इसके तहत भारतीय सेना की 418 इंजीनियरिंग कोर के जवानों की ओर से हेमकुंड साहिब यात्रा के पैदल मार्ग पर 4 किलोमीटर हिस्से से बर्फ हटाकर पैदल आवाजाही का रास्ता बनाया था।
बद्रीनाथ धाम की यात्रा शुरु होने के बाद 25 मई को हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के कपाट खोले जाने हैं। इसे लेकर भारतीय सेना की 418 इंजीनियरिंग कोर के हवलदार हर सेवक सिंह के नेतृत्व में जवान यात्रा के पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य कर रहे थे। गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा ने बताया था कि यात्रा मार्ग पर 4 किलोमीटर तक बर्फ हटाकर पैदल आवाजाही सुचारु कर दी गई है। अब यात्रा मार्ग पर पैदल मार्ग के साथ ही घोड़ा-खच्चर मार्ग से भी बर्फ हटाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि घांघरियां में गुरुद्वारे में आवास के साथ ही पेयजल और विद्युत व्यवस्था को भी चाक-चौबंध करने का कार्य सेवादारों की ओर से शुरू कर दिया गया है।
बता दें, चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू होने जा रही है। इसके लिए 15 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की शुरुआत की गई थी। अब एक दिन में रजिस्ट्रेशन करने की अधिकतम सीमा तय कर दी गई है। उससे ज्यादा रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा सकेगा।
अब तक 16 लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन
मिली जानकारी के मुताबिक, अब हर दिन यमुनोत्री के लिए 9000, गंगोत्री के लिए 11000, केदारनाथ के लिए 18 हजार और बद्रीनाथ के लिए 20 हजार श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। अब तक 16 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है।