Eating Habits of Children: बच्चे लगातार अपने माता-पिता से अपने मन के मुताबिक चीजें खाने की बात करते हैं लेकिन बच्चों की अच्छी सेहत और खानपान की जिम्मेदारी माता-पिता की होती है। बच्चों के अच्छे खानपान की आदत को माता-पिता ही विकसित करते हैं, लेकिन जब यही लोग बच्चों के अच्छे खानपान का ध्यान नहीं रख पाते तो इसका खामियाजा बच्चों को आगे चलकर भुगतना पड़ता है। जब बच्चों को हेल्दी चीजों की जगह अनहेल्दी चीजें खिलाई जाती है तो इसके कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है।
बच्चों के खानपान पर ध्यान न देने पर देश के जाने-माने लिवर के डॉक्टर शिव कुमार सरीन ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि मां-बाप अपने बच्चे को कुछ भी खाने को दे देते हैं। जब बच्चा बड़ा होगा, तो क्या उसके दिमाग में ये ख्याल नहीं आएगा कि मेरे मां-बाप ने मुझे सही खाना क्यों नहीं खिलाया। अगर वो मुझे सही खाना खिलाते, तो 20 साल की उम्र में मुझे ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम नहीं होती। अगर वो मुझे दौड़ने के लिए ले जाते तो शायद आज मैं एक अच्छा स्पोर्ट्सपर्सन होता।
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डॉक्टर ने कहा कि बच्चे को बड़े होने पर ये लग सकता है कि अगर उसके पेरेंट्स ने उसका खानपान ठीक रखा होता, तो उसे कोई बीमारी नहीं होती और उसकी मांसपेशियां भी मजबूत होतीं। इसलिए यह एक बच्चे का अधिकार है कि वो अपने मां-बाप से पूछे कि उन्होंने उसे हेल्दी क्यों नहीं बनाया।
परिवार के साथ बैठकर खाना खाने पर बच्चों के ज्यादा फल, सब्जियां और अनाज खाने की संभावना रहती है। इसके साथ ही बच्चे अनहेल्दी फूड कम खाते हैं। उनके सिगरेट और शराब पीने का जोखिम भी कम रहता है।