आधिकारिक आंकड़ो के मुताबिक कोविड-19 उप-संस्करण जेएन.1 16 राज्यों में फैल गया है और 11 जनवरी तक संक्रमण के कुल 971 मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र में कोविड-19 के जेएन.1 उप-संस्करण के अधिकतम 250 मामले सामने आए हैं, इसके बाद कर्नाटक में संक्रमण के 199 मामले सामने आए हैं। इसी तरह केरल में संक्रमण के 155 और आंध्र प्रदेश में 94 मामले सामने आये। गुजरात में 80, गोवा में 49, राजस्थान में 30, तमिलनाडु और तेलंगाना में 26-26 मामले सामने आए हैं।
छत्तीसगढ़ में JN.1 सब-वेरिएंट के 25 मामले, दिल्ली में 22, पश्चिम बंगाल में 8, ओडिशा में 3, हरियाणा में 2 और मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में एक-एक मामले सामने आए हैं। ये नमूने 10 नवंबर से 8 जनवरी 2024 के बीच एकत्र किए गए थे। आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2023 में 1452 नमूने संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे गए थे, जबकि जनवरी 2024 में अब तक 1026 नमूने भेजे गए हैं। सूत्रों ने आगे बताया कि ज्यादातर मामले होम-आइसोलेशन के थे।
JN.1 रुचि का एक प्रकार (VOI) है जो गहन वैज्ञानिक जांच के अधीन है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल ही में जेएन.1 को रुचि के एक प्रकार के रूप में वर्गीकृत किया है, जो इसके मूल वंश बीए.2.86 से अलग है। हालाँकि, वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान साक्ष्यों के आधार पर JN.1 द्वारा उत्पन्न समग्र जोखिम कम है।
केंद्र और राज्य दोनों सरकारें नए ओमीक्रॉन सब-वेरिएंट JN.1 पर कड़ी नजर रख रही हैं। चीन, इंडोनेशिया, फिलीपींस, मलेशिया और सिंगापुर सहित कई देशों ने नए कोरोनोवायरस मामलों में वृद्धि की सूचना दी है। JN.1 स्ट्रेन, जो पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका में सितंबर में पाया गया था, BA.2.86 का वंशज है, जो कि COVID-19 के ओमिक्रॉन स्ट्रेन का एक अत्यधिक उत्परिवर्तित संस्करण है।