Uttarakhand Civic Election 2024: उत्तराखंड में नगर निकाय चुनावों की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। उससे पहले सरकार नगर निकाय एक्ट में बड़ा बदलाव करेगी। वित्त और न्याय विभाग ने संसोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस संसोधन में ओबीसी आरक्षण बढ़ाने समेत कई प्रस्ताव हैं।
एक्ट में ओबीसी आरक्षण की मौजूदा सीमा 14 फीसदी को निकायों की वास्तविक ओबीसी आबादी के अनुपात में बढ़ाना शामिल है। इसके साथ ही, जुड़वा बच्चे होने पर भी लोग निकाय चुनाव लड़ सकते हैं। उनसे चुनाव लड़ने का हक नहीं छीना जाएगा। शहरी विकास विभाग ऐसे अभिभावकों को चुनाव लड़ने का अधिकार देने जा रहा है कि जिनके यहां एक बच्चे के बाद दूसरी बार जुड़वा बच्चे पैदा हुए हैं।
नए एक्ट के तहत, नगर निकायों के मेयर या अध्यक्ष, अगर किसी मामले में दोषी पाए गए तो उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा। साथ ही, उनके वित्तीय अधिकार भी सीज कर दिए जाएंगे। शुरुआती जांच के दौरान ही मेयर या अध्यक्षों की वित्तीय शक्तियों को सीज कर दिया जाएगा।
मौजूदा शहरी विकास एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। इस वजह से जिन निकाय प्रमुखों के वित्तीय अधिकार सीज किए गए थे, उन्हें कोर्ट से राहत मिल जाती थी। उत्तर प्रदेश में कुछ समय पहले ही इस प्रावधान को लागू किया गया था। अब उत्तराखंड में इसे लागू करने की कवायद तेज हो गई है।
नए एक्ट के तहत नगर निगम की तर्ज पर नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों को सरकार कुछ शक्तियां देने जा रही है। होर्डिंग पर टैक्स लगाने का अधिका र भी नगर पालिका और पंचायतों को दिया जाएगा। पंचायती राज विभाग इस संशोधन को पहले ही लागू कर चुका है। शहरी विकास के प्रमुख सचिव आर के सुधांशु का कहना है कि निकाय चुनाव से पहले ऐक्ट में संशोधन किया जाना जरूरी है। इसके लिए चुनाव आयोग से अनुमति ली जा रही है।