श्रेष्ठ उत्तराखण्ड (ShresthUttarakhand) | Hindi News

Follow us

Follow us

Our sites:

|  Follow us on

सांसद ने नहीं की मुलाकात तो भड़के किसान, कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन

ऊधम सिंह नगर के MP Ajay Bhatt के खिलाफ किसानों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की। किसानों ने सांसद पर कई आरोप लगाए।
farmers protest against udham singh nagar mp ajay bhatt

ऊधम सिंह नगर में सांसद अजय भट्ट (Udham Singh Nagar MP Ajay Bhatt) के न मिलने से नाराज किसानों ने कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन किया। ये किसान संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर ज्ञापन देने पहंचे हुए थे। किसानों ने सांसद के खिलाफ नारेबाजी और ज्ञापन की प्रतियां जलाईं। उन्होंने सांसद को किसान और मजदूर विरोधी बताया।

MP Ajay Bhatt का किसानों ने डेढ़ घंटे तक किया इंतजार

दरअसल, गुरुवार को किसानों ने अपनी मांगों को लेकर बगवाड़ा मंडी में बैठक की। इसके बाद वे सांसद को ज्ञापन देने कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां पता चला कि सांसद जी बैठक में व्यस्त हैं। इस पर किसानों ने डेढ़ घंटे तक इंतजार किया। इसके बाद उनके सब्र का बांध टूट पड़ा और उन्होंने कलक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।

MP Ajay Bhat पर किसानों ने लगाए गंभीर आरोप

बता दें कि 10 जुलाई को संयुक्त किसान मोर्चा की दिल्ली में बैठक हुई थी। इस बैठक में देशभर के सभी सांसदों को मांग पत्र देने का फैसला लिया गया था। इसी सिलसिले में किसान ज्ञापन देने के लिए सांसद से मिलने आए थे, लेकिन सांसद बैठक में बिजी रहे। इससे किसान भड़क उठे। उन्होंने सांसद पर जनता और किसानों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया और कहा कि जब सांसद सुन ही नहीं रहे हैं तो ज्ञापन देने का क्या फायदा है।

ऊधमसिंह नगर जिले में मूसलाधार बारिश से बाढ़ जैसे हालात, कई मकान पानी में डूबे

किसानों ने की ये मांग

किसानों का यह भी आरोप है कि वे सांसद के प्रतिनिधि से समय लेकर मिलने आए थे। वे बाजपुर के किसानों, मजदूरों और व्यापारियों के छीने गए भूमिधरी अधिकार को तत्काल वापस किए जाने, बाढ़ प्रभावित को 50 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा देने, गन्ना मूल्य 500 रुपये प्रति क्विंटल करने, किसान पेंशन की राशि 10 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवाज देने समेत कई मांगों को लेकर ज्ञापन देना चाहते थे।

किसानों की मांग है कि छत्तीसगढ़, ओडिशा और केरल आदि प्रदेशों की तरह यहां भी धान का मूल्य 3150 रुपये क्विंटल दिया जाए। इसके साथ ही, जंगली जानवरों से प्रभावित किसानों को मोटर दुर्घटना बीमा की तरह मुआवजा दिया जाए। किसानों की यह भी मांग है कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में भी पारिवारिक भूमि हस्तांतरण कानून हो।

‘दुष्कर्म के बढ़ते मामलों के पीछे महिलाओं का…’ हरभजन सिंह का विवादित बयान

किसानों का कहना है कि सीलिंग भूमि आवंटन नियमावली में संशोधन गैर संवैधानिक है। यह किसानों, मजदूरों और आम नागरिक के हितों के खिलाफ है। इसलिए संशोधन निरस्त कर देना चाहिए।


संबंधित खबरें

वीडियो

Latest Hindi NEWS

pm narendra modi srinagar visit | modi targets congress |
‘जम्मू-कश्मीर के युवाओं के हाथों में पत्थर...’, PM मोदी ने श्रीनगर में तीनों परिवारों पर बोला हमला
chamoli dm inspection | mahila base hospital simli |
डीएम ने महिला बेस अस्पताल की देखी व्यवस्थाएं, कमियों को तत्काल दूर करने के दिए निर्देश
cabinet minister ganesh joshi | cm pushkar singh dhami |
कैबिनेट मंत्री ने सामुदायिक भवन का किया निरीक्षण, क्षतिग्रस्त मार्ग ठीक करने के दिए निर्देश
jp nadda | jp nadda Letter | congress | bjp |
नड्डा के पत्र से भाजपा और आरएसएस के संस्कार…कांग्रेस के नेताओं ने किया हमला
mathura train incident | goods train derailed in mathura |
मथुरा में बड़ा रेल हादसा, पटरी से उतरी मालगाड़ी; कई ट्रेनें निरस्त
bjp leader mahendra bhatt | one nation one election |
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' देश के विकास में... महेंद्र भट्ट ने मोदी कैबिनेट के फैेसले को सराहा