Haldwani Water Crisis: गर्मी अपने चरम पर है। हल्द्वानी के आसपास का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया है। रोजाना बढ़ रही गर्मी की तपिश से हल्द्वानी और उसके आसपास के क्षेत्र में पानी का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में लोगों को पीने के पानी की परेशानी न हो, इसे देखते हुए उत्तराखंड जल संस्थान ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है।
लगातार गिर रहा भूमिगत जलस्तर
गर्मी के चलते भूमिगत जल स्तर भी लगातार गिर रहा है, जिसके चलते शहर में लगे जल संस्थान के ट्यूबवेल बार-बार खराब हो रहे हैं। ऐसे में जल संस्थान ने लोगों को पानी उपलब्ध कराने की तैयारी कर ली है।
गौला नदी से मिल रहा भरपूर पानी
अधीक्षण अभियंता जल संस्थान विशाल कुमार सक्सेना ने बताया कि फिलहाल हल्द्वानी शहर में पेयजल की समस्या कुछ जगह पर देखी गई है। गौला नदी से भरपूर मात्रा में पानी मिल रहा है, जिसके चलते शहर के लोगों की प्यास बुझाई जा रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में गौला नदी में करीब 80 क्यूसेक पानी उपलब्ध है, जहां फिल्टर प्लांट के माध्यम से शहर के डिमांड के अनुसार 35 क्यूसेक पेयजल सप्लाई की जा रही है।
टैंकरों के जरिए उपलब्ध कराया जा रहा पेयजल
विशाल कुमार सक्सेना ने बताया कि हल्द्वानी शहर के डिमांड के अनुसार, फिल्टर प्लांट के माध्यम से लोगों को पीने का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन जिन क्षेत्रों में ट्यूबवेल खराब होने की शिकायत आ रही है, उन क्षेत्रों में ट्यूबवेल ठीक होने तक वैकल्पिक तौर पर टैंकरों के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है।
बरसात न होने पर सिंचाई के लिए नहीं दिया जाएगा पानी
जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता ने बताया कि शहर के कुछ इलाकों में भूमिगत जलस्तर गिर रहा है, जिसके चलते ट्यूबवेल खराब होने की समस्या आ रही है। इन जगहों पर टैंकरों के जरिए पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लगातार गर्मी पड़ रही है। ऐसे में मई के महीने में अगर बरसात नहीं होती है तो गौला नदी के पानी में 50 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है। उस स्थिति में सिंचाई के लिए उपलब्ध होने वाले पानी को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा और केवल पेयजल की आपूर्ति को प्राथमिकता दी जाएगी।
गौरतलब है कि हल्द्वानी शहर की आधी आबादी की प्यास गौला नदी की पानी से बुझाई जाती है। ऐसे में जल संस्थान ने भी तैयारी कर ली है, जिससे कि भविष्य में होने वाले पीने के पानी के संकट को दूर किया जा सके।