Forest Research Center Haldwani: सावन का महीना चल रहा है। भगवान शिव को समर्पित सावन महीने में हर तरफ भगवान शिव की पूजा-आराधना की जा रही है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु अलग-अलग तरीकों से भगवान शिव की आराधना कर उनको प्रसन्न कर रहे हैं। इसी के तहत उत्तराखंड वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी ने अनुसंधान केंद्र में शिव वाटिका तैयार किया है, जहां भगवान शिव को समर्पित उनके प्रिय वनस्पतियों को संरक्षित करने का काम किया गया है। वाटिका के माध्यम से भगवान शिव को समर्पित वनस्पतियों को दर्शाया गया है, जिससे कि लोग भगवान शिव को प्रिय वनस्पति का अवलोकन कर उसे संरक्षित कर सके।
कई वनस्पतियों को संरक्षित करने का काम करता है हल्द्वानी वन अनुसंधान (Forest Research Center Haldwani)
हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र के वन क्षेत्राधिकारी मदन सिंह बिष्ट ने बताया कि उत्तराखंड का वन केंद्र हल्द्वानी अपनी कई उपलब्धियों के लिए जाना जाता है। अनुसंधान केंद्र ने विभिन्न प्रकार के वनस्पतियों को संरक्षित करने का काम किया है। जहां अलग-अलग वाटिका तैयार कर सामाजिक संदेश देने का काम किया गया है, जिससे कि लोग वनस्पतियों का अवलोकन कर उसको संरक्षित कर सके।
शिव वाटिका में हैं शिव को समर्पित पौधे (Forest Research Center Haldwani)
शिव वाटिका में भगवान शिव को समर्पित बेलपत्र, धतूरा, हरसिंगार, रुद्राक्ष के पौधों को सुरक्षित करने का काम किया गया है।
मान्यता है कि सावन माह में भगवान शिव को समर्पित और प्रिय वनस्पति चढ़ने और लगाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और उनकी सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं। शिव वाटिका के माध्यम से भगवान शिव को प्रिय वनस्पतियों को संरक्षित करने का संदेश दिया गया है, जिससे कि लोग अधिक से अधिक पौधों को लगाकर संरक्षित करने का काम कर सके।
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