Haldwani Missing Girls: बनभूलपुरा से लापता हुईं दो नाबालिग लड़कियों को पुलिस ने आखिरकार छह दिन बाद बरामद कर लिया है। पुलिस ने दोनों नाबालिग लड़कियों को मुजफ्फरनगर से सकुशल बरामद किया है। एसएसपी प्रह्लाद मीणा ने प्रेसवार्ता कर पूरे मामले का खुलासा किया है।
चार लोगों की हुई गिरफ्तारी
पूरे मामले में पुलिस ने आमिल पुत्र अमीर हसन निवासी ग्राम बिहारी थाना सिखेडा जिला मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश, निशा उर्फ नूरीन पत्नी उजैर उर्फ आसिफ निवासी मृदाटोला थाना सहसवान जिला बदायूं उत्तर प्रदेश, उजैर उर्फ आसिफ पुत्र हफीज अहमद निवासी मृदाटोला थाना सहसवान जिला बदायूं उत्तर प्रदेश और अब्दुल समी उर्फ भोला पुत्र अब्दुल रशीद निवासी 17 थाना बनभूलपुरा को गिरफ्तार किया है।
नाबालिगों को भगाने वाले किशोर को पुलिस ने किया निरुद्ध
पूरे मामले में पुलिस ने लड़कियों को हल्द्वानी से भागने वाले एक किशोर को निरुद्ध किया है, जहां उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा रही है। एसएसपी प्रह्लाद मीणा ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि किशोर द्वारा लड़कियों को ले जाने के बाद उनको आगे भागने में चारों लोगों ने मदद की है और इन चारों लोगों ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की है, जिनके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस पर था दबाव
छह दिन पहले बनभूलपुरा थाना क्षेत्र से कक्षा 9 और 11वीं में पढ़ने वाली दो 13 और 16 वर्ष की नाबालिग छात्राएं अचानक लापता हो गईं थी। आरोप है कि मोहल्ले के ही रहने वाले विशेष समुदाय के एक 16 वर्षीय किशोर दोनों को भगाकर ले गया है। इस प्रकरण में लड़कियों को बरामद करने के लिए पुलिस के ऊपर बड़ा दबाव था, पुलिस की कई टीमें लड़कियों को बरामद करने के लिए लगी हुई थी।
हिंदूवादी संगठनों ने किया था प्रदर्शन
हिंदूवादी संगठन के लोगों ने रविवार को इस मामले को लेकर धरना दिया था और एसएसपी पीएन मीणा से मिलने पुलिस बहुउद्देशीय भवन पहुंच गए थे। एसएसपी के नहीं मिलने पर लोग उन्हें बुलाने की मांग पर अड़े रहे। एसपी सिटी प्रकाश चंद्र, सीओ नितिन लोहनी समेत तमाम पुलिस अधिकारी उन्हें मनाने की कोशिश की। अधिकारियों ने बताया कि एसएसपी तुरंत नहीं आ सकते। इससे गुस्साए लोगों ने पुलिस और एसएसपी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। शाम पांच बजे एसएसपी मौके पर पहुंचे। उन्होंने जल्द ही दोनों नाबालिग छात्राओं की बरामदगी का आश्वासन दिया। जांच कर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद लोगों ने धरना समाप्त किया था।
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