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गोट वैली योजना से बकरी पालक हो रहे मालामाल, सरकार कर रही मदद

Goat Valley Scheme: उत्तराखंड सरकार ने पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को रोजगार देने के लिए गोट वैली योजना की शुरुआत की है, जिससे बकरी पालक मालामाल हो रहे हैं।
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Goat Valley Scheme: उत्तराखंड सरकार पहाड़ों के किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही हैं। पशुपालक बकरी पालन कर अपनी आर्थिकी को मजबूत बना सकें, इसके लिए राज्य सरकार गोट वैली योजना के तहत पशुपालकों को प्रोत्साहित कर रही है। गोट वैली योजना के तहत बकरियां खरीदने के लिए सरकार पैसा दे रही है, जिससे कि पशुपालक बकरी पालन के माध्यम से अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकें।

सरकार दे रही 30 हजार रुपये की सहायता राशि

गोट वैली योजना के तहत लाभार्थी को 20 बकरी और एक बकरा खरीद पर 30 हजार रुपये की राजकीय सहायता राशि भी दी जाएगी, जबकि काश्तकारों को तीन वर्ष के लिए उत्तराखंड भेड़ बकरी पालक सहकारी समिति से 30 हजार का ऋण भी दिया जाएगा. जिससे कि पशुपालक अपनी 20 बकरियां और एक बकरे को खरीद सके। इसके अलावा, बकरियों के बाड़ा तैयार करने के लिए जिला योजना योजना से 50 हजार की सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। बाड़ा मनरेगा योजना के तहत तैयार होगा।

कुमाऊं मंडल के पर्वतीय जिलों में शुरू हुई योजना

अपर निदेशक पशुपालन विभाग कुमाऊं मंडल उदय शंकर ने बताया कि कुमाऊं मंडल के सभी पर्वतीय जिलों में इस योजना को शुरू किया गया है। योजना के तहत पहले चरण में 100 क्लस्टर तैयार किए गए हैं, जिसमें 100 पशुपालकों को शामिल किया गया हैं, जहां प्रति पशुपालकों को 20 बकरी और एक बकरा उपलब्ध कराया गया है।

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पशुपालन विभाग के कार्यालय में जाकर करें आवेदन

अभी तक 2000 से अधिक बकरियों का पालन किया जा चुका है। इस योजना के तहत करीब 500 पशुपालक जुड़ने जा रहे हैं। जो पशुपालक इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, वे पशुपालन विभाग के कार्यालय में जाकर आवेदन कर सकते हैं या उत्तराखंड पशुपालन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://ahd.uk.gov.in/ पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।

पशुपालकों की आर्थिक स्थिति होगी मजबूत

अपर निदेशक ने बताया कि बकरी पालकों के उत्पादन के मार्केटिंग की भी व्यवस्था की गई है। उत्तराखंड सीप बोर्ड के माध्यम से बकरियों के मीट को बेच सकते हैं। इसके अलावा, बकरी का दूध पौष्टिकता से भरपूर होता है। डेंगू-मलेरिया जैसी बीमारियों से उबरने में इसका सेवन काफी फायदेमंद होता है। पशुपालक बकरी दूध उत्पादन के साथ-साथ मीट बेचकर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकता है।

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