Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन हल्द्वानी के विभिन्न मंदिरों में पूजा अर्चना और मां शैलपुत्री की आराधना हो रही है। बेरी पड़ाव स्थित अष्टादशभुजा महालक्ष्मी मंदिर में सभी नौ रूप विद्यमान है। प्रथम दिवस मां शैलपुत्री की आराधना के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं।
महामंडलेश्वर श्री सोमेश्वर यति महाराज जी ने बताया कि शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। इस नवरात्रि में मां की आराधना करने वालों की हर मनोकामना पूरी होती है।
बेरीपड़ाव में अष्टादशभुजा महालक्ष्मी मंदिर एक ऐसा मंदिर है, जहां माता के सभी नौ स्वरूप हैं। हर नवरात्रि को यहां भक्तों का तांता लगा रहता है। नवरात्रि के पहले दिन महिलाओं ने मंदिर में पूजा-अर्चना कर मां भगवती के गीत गाए, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है।
मान्यता है कि अष्टादशभुजा मां महालक्ष्मी मंदिर में पूजा-पाठ करने से भक्तों के घर पर सुख-समृद्धि के साथ शांति का वास होता है। वर्ष भर इस मंदिर में भक्तों का आना-जाना लगा रहता है।
कई विदेशी श्रद्धालु भी यहां पर मां के चरणों में मत्था टेकने के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में हल्द्वानी और उसके आसपास के अलावा अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु माता लक्ष्मी का आशीर्वाद लेने आ रहे हैं।
यह देवालय धन की देवी मां महालक्ष्मी को समर्पित है। इस मंदिर में मां लक्ष्मी की जो प्रतिमा स्थापित की गई है, उसमें मां की 18 भुजाएं हैं, इसी वजह से इस मंदिर का नाम अष्टादश भुजा मंदिर पड़ा। नवरात्रि में इस मंदिर में स्थानीय लोगों की भीड़ देखने को मिलती है।
शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन हल्द्वानी के विभिन्न मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ दिखाई दी। श्रद्धालु मां भगवती की आराधना कर अपने परिवार की सुख-शांति की कामना करते नजर आए।
रानीबाग शीतला माता मंदिर, लालकुआं स्थित वंतिका कुंज मंदिर, काठगोदाम स्थित कालीचौड़ मंदिर में भी श्रद्धालुओं का तांता नजर आया।
Navratri 2024: नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की करें पूजा, जानें शुभ मुहूर्त