Tehri Garhwal Kathud Village: टिहरी गढ़वाल के कठूड़ गांव के लोगों ने अपने जल, जंगल और जमीन को बचाने की मुहिम शुरू की है। इसके तहत उन्होंने बाहरी लोगों को जमीन नहीं बेचने का फैसला लिया है। ग्रामीणों ने जमीन की खरीद फरोख्त में जो भी बिचौलिया शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ उचित कार्रवाई का भी फैसला लिया है।
गांव पर है प्रॉपर्टी डीलरों की नजर
टिहरी के नरेन्द्रनगर विधानसभा का कठूड़ गांव अपनी प्राकृतिक सुंदरता और बहु मिश्रित खेती के लिए मशहूर है। इसके चलते प्रापर्टी डीलरों की इस पर पहले से ही नजर रही है। कुछ समय से कठुड़ गांव में जमीन खरीद फरोख्त का धंधा जोरों से उठा है और गांव की करीब 18 से 20 नाली जमीन बाहरी लोगों ने खरीद ली है, जिसके चलते ग्रामीणों का रास्ता रोक दिया गया है तो जल स्त्रोतों पर भी कब्जा कर लिया गया है। इससे गांव का शांतिपूर्ण माहौल बिगड़ने लगा है।

ग्रामीणों ने बैठक कर जमीन न बेचने का लिया निर्णय
ग्रामीणों ने इसको देखते हुए 18 अगस्त को बैठक कर निर्णय लिया कि वो अपनी जमीन बाहरी लोगों को नहीं बेचेंगे और जो भी इस खरीद फरोख्त में शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस तरह के बोर्ड आपको जगह-जगह पर दिखाई देंगे।
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ग्रामीणों का कहना है कि बाहरी लोगों द्वारा जन प्रतिनिधियों और कुछ स्थानीय लोगों को पैसे का लालच देकर गुमराह किया जा रहा है और उनके साथ जमीनों का सौदा किया जा रहा है। ग्रामीणों ने जो जमीन बिक गई है, वहां पर भी कंस्ट्रक्शन का विरोध करने का निर्णय लिया है।
पहाड़ों पर किया जा रहा कब्जा
ग्रामीणों ने कहा कि बाहरी लोगों द्वारा विकास करने के नाम पर पहाड़ों पर कब्जा किया जा रहा है, जो कि भविष्य के लिए चिंता का विषय है। इसलिए हमें जागरूक होने की जरूरत है।

भू-कानून को लेकर जहां प्रदेश में हर तरफ धरना प्रदर्शन और आंदोलन चल रहे हैं, उसे देखते हुए यह देखने वाली बात होगी कि कठूड़ के ग्रामीणों ने अपने जल जंगल जमीन बचाने के लिए बाहरी लोगों को जमीन नहीं बेचने का जो फैसला लिया है, वो भविष्य में कितना कारगर साबित होता है।