Heavy Rains In Kedarnath: उत्तराखंड राज्य आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने गुरुवार को बताया कि भारी बारिश के कारण केदारनाथ मार्ग पर 10 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, कंक्रीट और पैदल पुल क्षतिग्रस्त हो गए। उन्होंने बताया कि चारधाम के सभी मार्ग खुले हुए हैं। केवल केदारनाथ में पैदल मार्ग बाधित है। इसके साथ ही 100 अन्य रास्ते भी बंद हैं, जिन्हें खोलने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
उखीमठ के एसडीएम अनिल कुमार शुक्ला ने बताया कि केदारघाटी में अत्यधिक बारिश के बाद जिला प्रशासन ने रेस्क्यू कर यात्रियों को लगातार सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य किया। केदारनाथ यात्रा मार्ग से 3300 श्रद्धालुओं को रेस्क्यू किया गया।700 श्रद्धालुओं को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया। करीब 5000 फूड पैकेट्स वितरित किए गए हैं। रेस्क्यू में पीएमओ ने भी मदद का हाथ बढ़ाया। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू के लिए एयर फोर्स का चिनूक और एमआई 17 रवाना किया गया। तीन टैंकर ATF की मदद भी भेजी गई थी। वहीं, अतिवृष्टि के बाद तीर्थ यात्रियों ने सरकार व जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई मदद की सराहना की।
दिल्ली के दिलशाद गार्डन शहर से श्री केदारनाथ धाम की यात्रा पर आए ललित ने बताया कि वह दर्शन के बाद लौट रहे थे कि गौरीकुंड पहुंचने के बाद रात हो गई। अत्यधिक बारिश व अतिवृष्टि के बाद उन्हें 2013 का आपदा जैसा मंजर याद आ गया, लेकिन उन्होंने प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि अतिवृष्टि के बाद जिला प्रशासन द्वारा काफी सक्रियता दिखाते हुए मदद की गई। बताया कि लगभग 3 किमी तक प्रशासन की टीमों द्वारा सफल रेस्क्यू किया गया, जो अत्यंत सराहनीय है।
नेपाल से श्री केदारनाथ धाम के दर्शन को पहुंचे तारकेश्वर सिंह ने बताया कि वह बुधवार शाम को गौरीकुंड से केदारनाथ के लिए निकले थे। कुछ ही दूरी पर जाने के बाद पहले हल्की और फिर भारी बारिश होने से वह वहीं पर रुक गए। इसके बाद भीषण बाढ़ आने पर वह रात भर वहीं रुके रहे। उन्होंने बताया कि गुरुवार सुबह एनडीआरएफ की टीम के पहुंचते ही रेस्क्यू किया गया। जिला प्रशासन एवं रेस्क्यू टीमों की सराहना करते हुए कहा कि प्रशासन व रेस्क्यू की टीमें पूरी तत्परता से राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन एवं रेस्क्यू में लगी समस्त रेस्क्यू टीमों को धन्यवाद दिया।
सीएम धामी ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का किया निरीक्षण
इससे पहले, गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्यों की स्थिति का आकलन करने के लिए राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की। इस दौरान उन्होंने कहा कि बचाव दल पूरी रात सक्रिय रहें और बारिश से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाएं।
Heavy Rains In Kedarnath: हाईअलर्ट पर रहे NDRF और SDRF
सीएम धामी ने कहा कि हमें राज्य भर के कई इलाकों में जनजीवन प्रभावित होने की सूचना मिली। इसके परिणामस्वरूप, बचाव दल ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए पूरी रात काम किया। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि वे स्थानीय प्रशासन के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। उन्होंने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमों को प्रभावित क्षेत्रों में हाईअलर्ट पर रहने का निर्देश दिया।
Heavy Rains In Kedarnath: लोगों को अलर्ट रहने का निर्देश
बैठक के बाद सीएम धामी ने कहा कि मैंने अधिकारियों को भारी बारिश से प्रभावित लोगों की सहायता करने और नदियों और नालों के बढ़ने से खतरे में पड़े लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया है। सभी को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि रामबाड़ा, भीमबली और जखनियाली जैसे गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव अभियान जारी है।
‘सरकार तत्काल स्वीकृत करेगी धनराशि’
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी अधिकारी इस बात का ध्यान रखें कि संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने, राहत एवं बचाव कार्यों, पुनर्निर्माण एवं पुनर्वास के लिए सुरक्षा की दृष्टि से जो भी धनराशि की आवश्यकता होगी, उसे सरकार तत्काल स्वीकृत करेगी। सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे स्थानीय स्तर पर समन्वय स्थापित करें और किसी भी आपदा की सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई करें, बिना किसी ढिलाई के जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
केदारनाथ में बादल फटने के बाद रेस्क्यू अभियान तेज, मौके पर पहुंचे डीएम
Heavy Rains in Kedarnath: चारधाम यात्रा को स्थगित करने की अपील
इससे पहले, उत्तराखंड सरकार ने चारधाम की यात्रा कर रहे श्रद्धालुओं से मौसम की स्थिति में सुधार होने तक अपनी यात्रा स्थगित करने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। डीजीपी अभिनव कुमार ने तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं से सतर्क रहने और ब्रेक के बाद ही अपनी यात्रा शुरू करने का आग्रह किया है। उन्होंने सुरक्षित स्थानों पर रहने और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने के महत्व पर जोर दिया।