रुद्रप्रयाग में वनाग्नि से होने वाले नुकसान व इसकी सुरक्षा को लेकर वन पंचायत सरपंच ऊखीमठ पवन राणा ने एक सराहनीय पहल की है। पवन राणा ने बताया कि स्थानीय मातृशक्ति के साथ लगातार और सार्थक संवाद करते हुए उन्हें वनों की सुरक्षा को लेकर जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है। उनकी इस पहल में मातृशक्ति द्वारा उनका साथ दिया जा रहा है। जंगल में आग लगाने वालों पर निगरानी और वन विभाग के साथ मिलकर कार्रवाई के प्रयास किए जा रहे हैं। जिलाधिकारी व प्रभागीय वनाधिकारी रुद्रप्रयाग ने पवन राणा की इस विशेष पहल की सराहना की है।
वन पंचायत सरपंच ऊखीमठ पवन राणा ने फायर सीजन को देखते हुए अनूठी पहल की है। वनों में लगने वाली आग से वन संपदा के राख होने के साथ ही उसके मानवीय व पर्यावरणीय नुकसान को लेकर वह स्थानीय और आसपास के अन्य गांवों की मातृशक्ति के साथ लगातार संवाद कर उन्हें वनों में लगने वाली आग से हो रहे नुकसान की बारीकी से जानकारी दे रहे हैं। इसके साथ ही वनों की सुरक्षा को लेकर भी जानकारी से अवगत करा रहे हैं। इसके अलावा गांव में मातृशक्ति के साथ गोष्ठी का आयोजन करते हुए उन्हें जिम्मेदारी के लिए शपथ भी दिलाई जा रही है। इस पहल में स्थानीय मातृशक्ति भी उनका बढ़-चढ़कर साथ दे रही हैं। साथ ही आसपास की अन्य वन पंचायतों की मातृशक्ति व ग्रामीणों को भी वनों की आग से सुरक्षा में योगदान देने का संदेश दिया जा रहा है।
पवन राणा बताते हैं कि वनों में लगने वाली आग से वन संपदा नष्ट होने के साथ-साथ जंगल में रहने वाले छोटे-बडे़ प्राणियों को बड़ी क्षति पहुंचती है। इसके अलावा बड़े गंभीर पर्यावरण व मानवीय नुकसान भी होते हैं। उन्होंने कहा कि हर ग्रामीण को वनों में आग न लगने के लिए जागरूक होने की आवश्यकता है। साथ ही जिनके द्वारा वनाग्नि की घटना का कृत्य किया जाता है, उसे अनिवार्य रूप से दंडित करना, घटना की सूचना देने वालों को पुरस्कृत करना, समय-समय पर लोगों को इसके लिए जागरूक करते रहना आदि सार्थक प्रयासों से वनाग्नि की घटनाओं को रोका जा सकता है।
वहीं, जिलाधिकारी सौरभ गहरवार और प्रभागीय वनाधिकारी रुद्रप्रयाग अभिमन्यु ने पवन राणा के प्रयासों की प्रशंसा की है। साथ ही जनपद में अन्य लोगों को उनसे प्रेरित होकर वनाग्नि की घटना को रोकने के लिए किए जाने वाले प्रयासों की सीख लेने की अपील की है।