Madmaheshwar Temple Track: गुरुवार देर रात को हुई भारी बारिश के कारण मदमहेश्वर मंदिर ट्रैक पर बनतोली गौंडार में मार्कण्डेय नदी पर पैदल पुल बह जाने के कारण क्षेत्र से संपर्क बाधित हो गया है। अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा ने बताया कि सुबह घटना की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी के निर्देशन में एसडीआरएफ, डीडीआरएफ और पुलिस बल सहित जिला प्रशासन की टीमों को मौके पर रवाना किया गया। जिलाधिकारी स्वयं मौके पर पूरे रेस्क्यू की निगरानी कर रहे हैं।
Madmaheshwar में फंसे लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी
यात्रा मार्ग पर फंसे श्रद्धालुओं के सफल रेस्क्यू के लिए नानूचट्टी में स्थानीय लोगों की सहायता से वैकल्पिक हैलीपैड बनाया गया है, ताकि त्वरित रेस्क्यू किया जा सके। यात्रा मार्ग पर फंसे सभी श्रद्धालु सुरक्षित हैं। वहीं क्षतिग्रस्त पुल को दुरुस्त करने के लिए भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अगर मार्ग पर फंसे किसी श्रद्धालु के परिजन उनसे संपर्क करना चाहते हैं तो इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।
हेल्पलाइन नंबर- 8958757335, 01364 233727
Madmaheshwar में फंसे लोगों में से 51 का रेस्क्यू
जिला प्रशासन फंसे हुए लोगों का संपर्क उनके परिजनों से कराए जाने के साथ ही उन्हें फूड पैकेट्स भी वितरित कर रहा है। दोपहर साढ़े 12 बजे तक 51 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। इसमें उत्तर प्रदेश के 27 लोग, दिल्ली के 8, आंध्र प्रदेश के 2, तेलंगाना और गुजरात के एक-एक श्रद्धालु हैं। वहीं, 12 स्थानीय एवं उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों से आए पर्यटक इसमें शामिल हैं। अन्य सभी लोगों को भी सुरक्षित रेस्क्यू करने को संबंधित विभागों की टीम मौके पर मौजूद है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि गुरुवार देर रात हुई भारी बारिश से मदमहेश्वर मंदिर ट्रैक पर बनतोली गौंडार में मार्कण्डेय (मोरकंडा) नदी पर पैदल पुल बह जाने के कारण क्षेत्र से संपर्क बाधित हो गया था। सूचना प्राप्त होते ही डीएम सौरभ गहरवार के निर्देशन में एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी एवं कर्मचारी घटना स्थल के लिए रवाना हुए। पूरे रेस्क्यू अभियान के दौरान डीएम भी स्वयं मौके पर मौजूद रहे। डीएम की निगरानी में हैली सेवाओं के माध्यम से मदमहेश्वर यात्रा रूट पर फंसे 106 यात्रियों का सफल रेस्क्यू किया गया।
मदमहेश्वर घाटी में फंसे तीर्थयात्रियों के सफल रेस्क्यू के बाद सभी तीर्थयात्रियों ने प्रशासन का धन्यवाद किया। यात्रियों का कहना था कि जिला प्रशासन एवं सरकार द्वारा यात्रियों के रेस्क्यू के लिए स्थानीय लोगों की मदद से अस्थायी हैलीपैड निर्माण से लेकर फूड पैकेट भी बेहद कम समय में सभी यात्रियों को उपलब्ध कराए गए। त्वरित गति से रेस्क्यू किए जाने के लिए तत्काल हैली सेवा के माध्यम से नानू हैलीपैड से रांसी हैलीपैड पहुंचाया गया। रेस्क्यू अभियान में जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार, तहसीलदार ऊखीमठ प्रदीप नेगी, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, पुलिस, लोनिवि एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने यात्रियों का सफल रेस्क्यू किया।