चुनाव में नेता जनता से वोट मांगने जाते हैं। वोट के लिए बड़े-बड़े वादे करते हैं। जनता भी विकास के मुद्दे पर नेताओं को घेरने से नहीं चूकती। लेकिन, क्या हो अगर चुनाव प्रचार के दौरान समर्थक ही अपने नेताजी के विरोध पर उतर आएं? गढ़वाल से बीजेपी प्रत्याशी अनिल बलूनी को भी ऐसे ही विरोध का सामना करना पड़ा। अनिल बलूनी चुनाव प्रचार के लिए देश के पहले CDS बिपिन रावत के गांव पहुंचे थे। समर्थकों के साथ प्रचार कर रहे थे। तभी, बीजेपी की महिला कार्यकर्ताओं ने सड़क निर्माण की मांग को लेकर अनिल बलूनी का विरोध करना शुरू कर दिया। बलूनी पहुंचे थे गांव में वोट मांगने लेकिन, इन महिलाओं की बात सुनकर बीजेपी के दिग्गज नेता और प्रत्याशी अनिल बलूनी को वापस लौटना पड़ै गया।
क्या है मामला
उत्तराखंड में जीत के हैट्रिक लगाने के बीजेपी के सभी नेता और प्रत्याशी जोर शोर- प्रचार कर रहे हैं। इस कड़ी में पौड़ी गढ़वाल से प्रत्याशी अनिल बलूनी देश के पहले CDS जनरल बिपिन रावत जी के पैतृक गांव “सैंणगांव” पहुंचे थे। गांव ने पहुंचने के बाद पहले तो अनिल बलूनी ने बिपिन रावत के परिवार से मुलाकात की। इसके साथ ही बिपिन रावत की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। इसके बाद बलूनी ने बिपिन रावत की आड़ में कांग्रेस हमला बोला और वोट मांगने के लिए गांव में निकल पड़े। लेकिन, बलूनी जी को शायद ये नहीं पता था कि यहां उन्हें अपनी ही पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं का विकास के चलते विरोध झेलना पड़ेगा।
विरोध का कारण
दरअसल, गांव के लोग कई सालों से पक्की सड़क की मांग कर रहे हैं। तमाम नेता गांव में सड़क बनाने का वादा करते रहे हैं। पिछली बार सड़क निर्माण शुरू भी हुआ था लेकिन पूरा नहीं हो सका। गांव के लोग अभी तक पक्की सड़कों की आस लगाए बैठे है। चुनावी माहौल में जब अनिल बलूनी “सैंणगांव” में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे तो यहां ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा।
गौरतलब है कि चुनाव से पहले सभी प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए निकले हुए हैं। इस चुनावी अभियान में जनता को साधने के लिए हर तरह के पैंतरे अपनाएं जा रहे हैं। लेकिन, जनता के बीच विकास का मुद्दा ही सबसे बड़ा मुद्दा है। जनता विकास चाहती है। सड़क, बिजपी, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं चाहती है। अगर विकास नहीं होगा तो नेताजी को जनता के ऐसे ही विरोध का सामना करना पड़ेगा।