Anand Singh Negi: उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में जहां एक ओर लोग विभिन्न आवश्यकताओं के चलते लगातार गांव से पलायन कर रहे हैं, जिससे पहाड़ों के गांव घोष्ट विलेज में तब्दील होते जा रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो रिवर्स पलायन कर अपने गांव को आबाद करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे ही पौड़ी के आनंद सिंह नेगी हैं, जो लंबे समय से नौकरी छोड़कर अब अपने गांव क्यूराली को आबाद करने के लिए कृषि और बागवानी के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं।
बंजर भूमि को किया आबाद
क्यूराली गांव के रहने वाले आनंद नेगी 35 सालों से बंजर पड़ी भूमि को आबाद कर इसमें कृषि और बागवानी का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने साल 2022 में 550 सेब के पौधे लगाए थे, जिनमें इस बार अच्छे फल भी आये हैं। वे अब 1000 नये पौधे लगाने के बारे में विचार कर रहे हैं।
आनंद नेगी बताते है कि उनका गांव कोट ब्लॉक में पड़ता है। वे लंबे समय से गांव में आने का विचार बना रहे थे। साल 2022 से उन्होंने 100 नाली खेतों को आबाद करना शुरू कर दिया है। वे यहां विभिन्न प्रकार की सब्जियां-दाल आदि उगा रहे हैं। साथ ही सेब उत्पादन पर उनका विशेष ध्यान है।
Pratap Pokhriyal: एक और दशरथ मांझी! 31 लाख पेड़ लगाए, आपदा रोकी
आनंद नेगी ने कहा कि उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है। यहां देवताओं का निवास है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कहते हैं कि बुजुर्गों की सेवा ही देवताओं की सेवा है। यही विचार कर मैं अपने गांव में वापस आया और खेती करनी शुरू की। पिछली बार खूब बारिश हुई, जिससे पेड़ों को काफी लाभ मिला। आनंद का कहना है कि अगर हम कोई काम निष्ठा के साथ करते हैं तो उसमें सफलता जरूर मिलती है।