Uttarakhand Forest Encroachment: उत्तराखंड से एक चौंकानी वाली खबर सामने आई है। यहां 39 प्रभागों के 104.54 वर्ग किलोमीटर जंगल पर कब्जा कर लिया गया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि वन विभाग क्या कर रहा था? अधिकारी कहां थे? क्या उनका ध्यान इस तरफ नहीं गया? इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
सवालों के घेरे में वन विभाग
वन विभाग की भूमिका सवालों के घेरे में है। साल 2017-18 में छपी उत्तराखंड वन सांख्यिकी किताब में बताया गया था कि वन विभाग की 9506.2249 हेक्टेयर वन भूमि पर कब्जा कर लिया गया है। वहीं, पिछले साल मुख्यमत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जब वन भूमि को कब्जा मुक्त कराने का अभियान चला तो पता चला कि 11814.47 हेक्टेयर वन भूमि पर कब्जा किया गया है।
वन मंत्री ने क्या कहा?
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि मामले में संलिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। आगे भी जो दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। वन भूमि पर अतिक्रमण करने वाले लोगों को हटाया जा रहा है।
वन भूमि को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराने का अभियान जारी
सीसीएफ डॉ पराग मधुकर धकाते ने कहा कि वन भूमि को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराने का अभियान जारी है। उन्होंने कहा कि अगर कहीं पर लापरवाही हुई है या किसी ने जानबूझकर जानकारी नहीं दी है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
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बता दें कि वन विभाग की 11 हजार हेक्टयेर जमीन पर कब्जा हुआ है, लेकिन अब तक महज 11.5 हेक्टेयर भूमि ही कब्जा मुक्त हो सकी है। ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि जब जमीन पर अतिक्रमण हो रहा था तो अधिकारी क्या कर रहे थे?
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