उत्तराखंड में जंगली आदमखोर जानवरों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। दो दिन पहले ही वन विभाग ने पौड़ी में आदमखोर के एनकाउंटर के बाद अब फिर से देहरादून में आदमखोर गुलदार मौत बनकर घूम रहा है। देहरादून में हुए ताजा मामले में आदमखोर गुलदार ने दस साल के एक बच्चे को अपना निवाला बना लिया। पौड़ी और टिहरी में आदमखोर जानवारों का आंतक हद से ज्यादा बढ़ गया है। टिहरी में तो ग्रामीणों का जीना मुश्किल हो गया है। गुलदार से बचने के लिए उन्हें अपने घरों में छुपे रहने पड़ता है।
सवाल ये उठता है कि शहरों तक में आखिर इन जंगली जानवरों को आतंक क्यों फैल रहा है। सरकार भी मान रही है कि आदमखोर जानवरो का इंसानों पर हमला या इंसानी बस्तियो में आना गंभीर बात है। सवाल ये उठता है कि आखिर वन विभाग आखिर इन घटनाओं पर अंकुश क्यों नहीं लगा पा रहा। प्रदेश के अलग-अलग शहर और गावों से गुलदार देखे जाने की खबरे सामने आती हैं। खबरें आती हैं तो धामी सरकार एक्शन भी लेती है लेकिन शायद गुलदारों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि वन विभाग को सभी अंकुश लगाने में समय लग रहा है।
देहरादून में खूंखार गुलदार का कहर देखने को मिला। जब मसूरी-किमाड़ी मार्ग की बस्ती में खेल रहे 10 साल के बच्चे को गुलदार ने अपना निवाला बना लिया। गुलदार के हमले से घबराया बच्चा जोर जोर से चीखने लगा, उसकी चीख सुन परिजनों ने बच्चे को गुलदार के मुंह से छीना लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी। घटना के बाद मौके पर वन विभाग और पुलिस की टीमें पहुंचीं और गुलदार को पकड़ने के लिए कांबिंग शुरू कर दी गई। बता दें कि शहर से सटे इलाकों में दो महीने के दौरान गुलदार के हमले की ये तीसरी घटना है। पिछले महीने राजपुर रोड के पास सिंगली गांव में भी गुलदार एक बच्चे को उठाकर ले गया था।
टिहरी क्षेत्र में गुलदार के दिखने की घटनाओं से गांव वालों में दहशत है और भी क्यों नहीं, क्षेत्र में लगातार गुलदार के हमलों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में टिहरी के कोटेश्वर डैम की झील से सटे गांवों के लोगों में काफी ज्यादा दहशत में हैं क्योंकि कोटेश्वर डैम से सटे डोबरा, क्यारी और महड़ गांव के लोगों का कहना है कि करीब दो हफ्ते से शाम के समय गुलदार देखा जा रहा है और मवेशियों को अपना निवाला बना रहा है जिससे ग्रामीण डर और दहशत में है।
गुलदार का खौफ सबसे ज्यादा स्कूली बच्चों के लिए भी है क्योंकि यह शाम के समय जंगल के रास्ते से अपने गांव तक पहुंचते हैं। इन गांवों में गुलदारों की दहशत इसलिए भी ज्यादा दिखाई देती है क्योंकि ये गांव झील से सटे हुए हैं और शाम के समय ये गुलदार पानी की तलाश में यहां आते हैं और गांव के अंदर तक पहुंच जाते हैं। इससे ग्रामीणों में काफी ज्यादा खौफ है। गांव के लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं। गांव वालों का कहना है कि वन विभाग किसी घटना का इंतजार कर रहा है और कार्रवाई कुछ नहीं कर रहा है।
बीते दिनों पहले ही धामी सरकार के इशारे पर एक गुलदार को एनकाउंटर में मार दिया गया था। इससे पहले एक गुलदार को वन विभाग की टीम ने पिंजरे में कैद कर लिया था। इसके बाद भी पौड़ी और टिहरी में गुलदारों का आतंक कम नहीं हो रहा रहा है। आए दिन ग्रामीणों को गांव के आस-पास गुलदार दिखाई दे जाते हैं। इससे गांव वालों में दहशत फैली हुई है। वन विभाग की गुलदारों को पकड़ने के लिए सक्रिय तो रहती है लेकिन फिर भी टिहरी से गुलदारों का आतंक खत्म नहीं हो रहा है। इस यह सवाल भी पूछा जाना जरुरी है कि टिहरी से गुलदार खत्म क्यों नहीं हो रहे?