Kedarnath Dham Temple Delhi: केदारनाथ धाम के नाम से दिल्ली में अब कोई मंदिर नहीं बनेगा। उत्तराखंड की धामी सरकार की ओर से बनाए गए सख्त कानून और लोगों के भारी विरोध से श्री केदारनाथ धाम, दिल्ली ट्रस्ट बैकफुट पर आ गई है।
ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला ने दिया इस्तीफा
ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि अब दिल्ली में केदारनाथ धाम के नाम पर मंदिर का निर्माण नहीं होगा।
सुरेंद्र रौतेला ने एक पत्र जारी कर अपने इस्तीफे की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब ट्रस्ट के नए अध्यक्ष सुमन मित्तल होंगे।
सुमन मित्तल की ओर से जारी एक पत्र खूब वायरल हो रहा है। इसमें उन्होंने मंदिर नहीं बनाने, ऑनलाइन चंदा नहीं लेने और ट्रस्ट बंद करने की प्रक्रिया का जिक्र किया है।
लोगों में मंदिर को लेकर था आक्रोश
बता दें कि दिल्ली में केदारनाथ धाम के नाम से एक मंदिर का निर्माण हो रहा था, जिसे लेकर उत्तराखंड में लोगों ने काफी विरोध किया था। खासकर केदारनाथ धाम में इस मामले को लेकर लोगों में काफी गुस्सा था।
धामी सरकार ने लोगों के गुस्से को देखते हुए एक कानून बनाया, जिसमें प्रावधान किया गया कि उत्तराखंड के चारों धाम और अन्य प्रतिष्ठित मंदिरों के नाम से अगर कहीं और मंदिर बनाया जाता है तो बनाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कांग्रेस ने मंदिर का निर्माण बंद करने के फैसले का लिया श्रेय
उत्तराखंड के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि हमारे दबाव में मंदिर बनाने का काम रोका गया है। जब से मंदिर बनना शुरू हुआ, तब से कांग्रेस इसका विरोध कर रही है। यही वजह है कि मंदिर बनाने वाले ट्रस्ट को अपना फैसला वापस लेना पड़ा।
भाजपा ने सीएम धामी को दिया श्रेय
भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने बताया कि सीएम धामी की सख्ती की वजह से दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के निर्माण का काम बंद हुआ है। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि सनातन धर्म को अपमानित करने वालों के मुंह से केदारनाथ धाम के संरक्षण की बात आश्चर्य में डालने वाली है।
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