Rudraprayag Rains: रुद्रप्रयाग में बुधवार रात को हुई भारी बारिश के कारण सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं और लोग फंस गए। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए बचाव और राहत कार्य जारी है। उत्तराखंड पुलिस के अनुसार, गुरुवार तक हेलीकॉप्टर से 737 लोगों को बचाया गया और 2,670 लोगों को राहत बलों द्वारा सोनप्रयाग ले जाया गया। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, जिला पुलिस और प्रशासन की टीमें निस्वार्थ भाव से श्रद्धालुओं की मदद कर रही हैं।
Rudraprayag Rains: पीएमओ ने स्थिति का लिया जायजा
उत्तराखंड में भारी बारिश और आपदा से उत्पन्न स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नजर बनाए हुए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने पूरी स्थिति का जायजा लिया है। बचाव के लिए भारतीय वायुसेना के चिनूक, एमआई-17 और एटीएफ के तीन टैंकर भी भेजे गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर पीएमओ ने हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी स्थिति का जायजा लिया है।
Rudraprayag Rains: बचाव कार्य में लगीं NDRF और SDRF की टीमें
इससे पहले, उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने राज्य में भारी बारिश के बाद राहत और बचाव कार्यों की जानकारी दी और राज्य के लोगों और यात्रियों से सतर्क रहने और अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने की अपील की। डीजीपी ने गुरुवार को कहा कि मौसम की स्थिति के कारण केदारनाथ यात्रा दो दिनों के लिए स्थगित कर दी गई है और 12 एनडीआरएफ के साथ-साथ 60 एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में लगी हुई हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रभावित लोगों से की मुलाकात
डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि हमें मौसम विभाग से राज्य में 48 घंटे तक भारी बारिश होने का अलर्ट मिला था। इस अलर्ट के मद्देनजर पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है। बुधवार रात से बारिश शुरू होने के बाद हमें विभिन्न इलाकों से भूस्खलन, चट्टान गिरने आदि की खबरें मिलनी शुरू हो गईं। राहत और बचाव के लिए कई जगहों पर टीमें भेजी गईं। मुख्यमंत्री ने टिहरी और रुद्रप्रयाग का दौरा किया और प्रभावित लोगों से मुलाकात की।
भारी बारिश के चलते केदारनाथ यात्रा स्थगित, सड़क पर आए बड़े-बड़े बोल्डर
बारिश से 11 लोगों की मौत
डीजीपी ने बताया कि अब तक विभिन्न जिलों में 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 8 गंभीर रूप से घायल हैं। सुबह तक केदारनाथ में करीब 1000 लोग और केदारनाथ के पैदल मार्ग पर 800 लोग फंसे हुए थे। मौसम की चेतावनी के कारण हमने अगले दो दिनों के लिए यात्रा स्थगित कर दी है। हमने यमुनोत्री और केदारनाथ पैदल मार्ग पर तीर्थयात्रियों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी है।
राज्य सरकार ने ली वायुसेना की मदद
राज्य सरकार ने केदारनाथ में फंसे लोगों को निकालने के लिए वायुसेना की मदद ली है। एनडीआरएफ, आईएनएस की 12 टीमें और एसडीआरएफ की 60 टीमें बचाव कार्य में लगी हुई हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को टिहरी और रुद्रप्रयाग में बारिश से प्रभावित इलाकों का स्थलीय निरीक्षण भी किया।
भारी बारिश ने मचाई जमकर तबाही
बुधवार रात को राज्य के विभिन्न हिस्सों में हुई भारी बारिश से सड़कों, पैदल पुलों, बिजली और पेयजल लाइनों के साथ ही फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। आपदा की सूचना मिलते ही सीएम धामी रात से ही सक्रिय हो गए और रात में ही राज्य आपदा परिचालन केंद्र पहुंचकर भारी बारिश से हुए नुकसान की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए। केदारनाथ पैदल मार्ग पर कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर केदारनाथ यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है।