Akhara Parishad President Mahant Ravindra Puri: हाथरस कांड के बाद से लगातार फर्जी बाबाओं की लिस्ट को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। इसी कड़ी में जब अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी से बात की गई तो उन्होंने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि वह 18 तारीख को प्रयागराज में होने वाली बैठक में मेला प्रशासन को सभी अखाड़ों के साथ मिलकर फर्जी बाबाओं से जुड़ी लिस्ट सौंपेंगे, जिसमें कई अखाड़ों के ऐसे बाबा हैं, जो आडंबर और पाखंड के माध्यम से जनता के बीच एक गलत संदेश दे रहे हैं। इन सभी महात्माओं का सभी अखाड़े मिलकर अपना विरोध करेंगे और मेला प्रशासन से मांग करेंगे कि इन बाबों को प्रयागराज में होने वाले कुंभ मेले से पहले चिन्हित किया जाए और इन्हें वहां पर भूमि नहीं दि जाएं । ताकि यह प्रयागराज में होने वाले कुंभ में न पाए ।
Mahant Ravindra Puri: सनातन धर्म को बदनाम कर रहे फर्जी बाबा
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि इन सभी फर्जी बाबाओं का चयनित होना इसलिए अति आवश्यक है, क्योंकि यह सनातन धर्म को बदनाम करने का कार्य कर रहे हैं। इतना ही नहीं, आम जनता के बीच ये पाखंडबाजी कर जनता को लुभाते हैं और जनता इनके पाखंड में फंस जाती है। यह खुद ही अपने आप को ईश्वर बताने लग गए हैं। इसलिए इनका चयनित होना अति आवश्यक है और प्रयागराज कुंभ में इनका प्रवेश भी निषेध होना चाहिए, ताकि अखाड़े और इनमें टकराव की स्थिति ना हो।
महंत केशव गिरी अस्पताल में भर्ती, भूख हड़ताल के दौरान बिगड़ी हालत
लिस्ट की तैयारी पर बोलते हुए महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि इस समय एक नहीं, बल्कि सैकड़ों ऐसे बाबा हैं, जिनका नाम उस लिस्ट में होना चाहिए। सभी अखाड़ों से वार्तालाप की जा रही है, जिसे जल्द ही जारी किया जाएगा।
Mahant Ravindra Puri ने लोगों से की खास अपील
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि लोगों को भी अब समझना होगा कि इस पाखंड और धूम की बाबागिरी से बचना होगा। कोई भी संत हो, वह भगवान की उपाधि नहीं ले सकता। संत केवल इंसान रहता है और वह भी आपको केवल भगवान की किस तरह से पूजा अर्चना करनी चाहिए और किस तरह से भगवान को प्रसन्न किया जाता है, इसका रास्ता बता सकता है। इसके अलावा कोई संत भगवान नहीं हैं। सब मनुष्य हैं। यह अब जनता को समझना होगा।
इससे पहले भी अखाड़ा परिषद ने 14 फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी की थी, जिसमें आसाराम बापू, राधे मां, सच्चिदानंद गिरि, गुरमीत राम रहीम, निर्मल बाबा, इच्छाधारी भीमानंद, असीमानंद, नारायण साईं, रामपाल आचार्य कुशमुनि, बृहस्पति गिरि और मलखान सिंह आदि के नाम शामिल थे।