Guchhupani Land Scam: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में जमीन धांधली का एक बड़ा मामला सामने आया है। गुच्चूपानी के पास जमीन पर अवैध कब्जा करने के लिए भू माफिया ने मृत महिला संत को जिंदा दिखाया, इतना ही नहीं, महिला की जगह संत को पुरुष दर्शाकर फर्जी तरीके से जमीन पर कब्जा कर लिया गया। करीब 25 करोड़ रुपये कीमत की जमीन को अवैध तरीके से कब्जाने की शिकायत डीएम से हुई तो जांच की गई। जांच के बाद बाद इस मामले में कई खुलासे सामने आए।
जनता दरबार में की गई थी शिकायत
जनता दरबार में ग्राम अनारवाला के भूतपूर्व सैनिक कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं गुच्चूपानी, जौहड़ी एवं चंद्रोटी के ग्रामीणों ने डीएम सोनिका को एक शिकायती पत्र दिया। इस पत्र में बताया गया कि गुच्चूपानी में एक प्राचीन जल स्रोत है। इसका उपयोग ग्रामीण वर्षों से पीने के पानी के लिए करते आ रहे हैं। स्रोत के ऊपर एक बड़ा बगीचा व संन्यासी महिला का मंदिर होता था। अब भूमाफिया उस जमीन पर प्लाटिंग का प्रयास कर रहे हैं। डीएम ने इस मामले को संज्ञान में लिया और तहसीलदार को इस मामले की जांच के लिए भेजा।
जांच में सामने आए कई तथ्य
तहसीलदार मोहम्मद शादाब ने घटनास्थल पर जाकर जब जांच की, तो उन्होंने पाया कि विवादित स्थल गुच्चूपानी के समीप राजस्व ग्राम चंद्रोटी का हिस्सा है। इस भूमि का बाजार मूल्य कम से कम 20-25 करोड़ रुपये हैं। राजस्व अभिलेखों में यह जमीन बिंदा गिरी चेला लक्ष्मण गिरी के नाम से दर्ज है। यह विवादित भूमि बिंदा गिरी के नाम से वर्ष 1953 से चली आ रही है। 25 मई 2022 को अचानक सब-रजिस्ट्रार द्वितीय देहरादून कार्यालय में बिंदा गिरी चेला लक्ष्मण गिरी निवासी 65 सी कनखल हरिद्वार की ओर से सतीश कुमार गुप्ता पुत्र रामानंद गुप्ता निवासी विजयपुर हाथीबड़कला नयागांव देहरादून को गिफ्ट डीड कर दी जाती है। जब बिंदा गिरी के आधार कार्ड की जांच हुई तो पता चला कि बिंदा गिरी का आधार कार्ड फर्जी है। जांच के दौरान बिंदा गिरी के कनखल हरिद्वार स्थित पते पर जांच की गई तो ऐसा कोई पता एवं व्यक्ति नहीं पाया गया।
मृत महिला संत को बताया गया पुरुष
न्यायालय तहसीलदार देहरादून में दाखिल खारिज की पत्रावली को तलब कर सुनवाई की गई। जिस व्यक्ति सतीश कुमार गुप्ता के नाम गिफ्ट डीड हुई है, उसने बिंदा गिरी का पुरुष होना स्वीकार किया, जबकि जांच में बिंदा गिरी के महिला होने के तथ्य प्रकाश में आए थे।
डीएम ने रिपोर्ट दर्ज करने के दिए निर्देश
महिला को पुरुष बताते हुए करोड़ों की भूमि हड़पने का प्रयास किया गया। जांच में यह भी पता चला कि बिंदा गिरी की मृत्यु वर्ष 1980 में हो चुकी है और उसकी कोई संतान भी नहीं है। इस मामले में दाखिल-खारिज को निरस्त कर दिया गया है और यह जमीन राज्य सरकार के निहित कराने की बात कही गई है। डीएम इस धांधली में शामिल सभी व्यक्तियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।