Supreme Court CM Dhami: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तीखे सवाल पूछे। ये सवाल IFS अधिकारी राहुल को राजाजी टाइगर रिजर्व का निदेशक बनाने पर पूछे गए। इससे पहले, राहुल को जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से हटा दिया गया था। उन पर अवैध पेड़ काटने का आरोप लगाया गया था।
हाईकोर्ट ने राहुल को निदेशक पद से हटाने का दिया था आदेश
बता दें कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने करीब दो साल पहले जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व और राजाजी नेशनल पार्क में पेड़ों की अवैध कटाई का संज्ञान लेते हुए राहुल को टाइगर रिजर्व के निदेशक के पद से हटाने का आदेश दिया था। वहीं, शीर्ष अदालत ने जिम कार्बेट नेशनल पार्क में पेड़ों की अवैध कटाई की जांच के लिए इस साल मार्च में एक जांच कमेटी का गठन करने का आदेश दिया था।
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जस्टिस बीआर गवई, केवी विश्वनाथन और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने बुधवार को मामले की सुनवाई की। इस दौरान पीठ ने कहा कि हम सामंती युग में नहीं हैं कि राजा जैसा बोले वैसा ही चलें। मुख्यमंत्री को राहुल को राजाजी टाइगर रिजर्व का निदेशक बनाने के पीछे कुछ तर्क तो देना ही चाहिए था।
‘राजनीतिक पोस्टिंग हैं राहुल को निदेशक बनाना’
पीठ ने उत्तराखंड सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील से मामले में सीएम धामी का एफिडेविट दायर करने के लिए कहा। इसी दौरान वरिष्ठ वकील परमेश्वर ने पीठ को बताया कि राहुल को निदेशक बनाने की सिफारिश सिविल सर्विसेज बोर्ड की तरफ से नहीं की गई थी। यह एक राजनीतिक पोस्टिंग है।
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जस्टिस गवई ने इस पर कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोग मनमाना काम नहीं कर सकते। लोगों के विश्वास पर खरा उतरने जैसा कोई सिद्धांत है या नहीं। जब जनता पोस्टिंग के समर्थन में नहीं है तो उन्हें वहां पोस्टिंग नहीं देनी चाहिए थी। वह मुख्यमंत्री हैं तो क्या कुछ भी कर सकते हैं।