Famous historian Gopal Bhardwaj: 75 साल के मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने रोलर स्पीड स्केटिंग (Roller Speed Skating) को ओलंपिक में शामिल किए जाने पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि रोलर स्केटिंग के खिलाड़ियों को ओलंपिक में अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा और वे भारत के लिए मेडल भी जीतेंगे।
1937 में हुई पहली विश्व चैंपियनशिप: Famous historian Gopal Bhardwaj
गोपाल भारद्वाज ने कहा कि पहली रोलर स्पीड स्केटिंग विश्व चैम्पियनशिप 1937 में इटली के मोंजा में आयोजित की गई थी। इसके अगले वर्ष 1938 में लंदन ने ट्रैक रोलर स्पीड स्केटिंग विश्व चौम्पियनशिप की मेजबानी की।
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भारद्वाज ने बताया कि ओलंपिक ग्रीष्मकालीन खेल बार्सिलोना 1992 में क्वॉड स्केट्स पर खेला जाने वाला रिंक हॉकी एक प्रदर्शन खेल था। यह पहली बार था, जब रोलर स्केट्स पर एथलीटों ने ओलंपिक मंच पर प्रतिस्पर्धा की थी। इसमें मसूरी के नंद किशोर बम्बू रोलर स्केटिंग के चैंपियन थे, जिन्होंने 1992 में बार्सिलोना में रोलर स्केटिंग रेफरी की भूमिका निभाई थी।
रोलर स्केट्स से दिल्ली से मसूरी आए Famous historian Gopal Bhardwaj
मशहूर इतिहासकार ने बताया कि 1975 में अपने चार दोस्तों के साथ रोलर स्केट्स से मसूरी दिल्ली तक सफर तय किया, तब उन्होंने करीब 320 किलोमीटर के सफर को रोलर स्केटिंग से पांच दिनों के अंदर तय किया था। उन्होंने रोलर स्केटिंग में ओलंपिक में प्रतिभाग करने जा रहे खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी।