देहरादून के राजभवन में 1 से 3 मार्च तक बसंतोत्सव 2024 का आयोजन किया जाएगा। राज्य को पुष्प प्रदेश बनाने के उद्देश्य से हर साल बसंत ऋतु में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा फूलों की प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है। इस बार की पुष्प प्रदर्शनी में पहली बार हाइड्रोपोनिक तकनीक का भी प्रदर्शन किया जाएगा। खूबसूरत फूलों की इस प्रदर्शनी को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं।
तस्वीरें राजधानी देहरादून के राजभवन की हैं। जहां 1 से 3 मार्च तक बसंत उत्सव का आयोजन होने वाला है। उसी की तैयारियां यहां की जा रही हैं। इस खूबसूरत गार्डन में फूलों की एक से बढ़कर एक वैरायटी देखने को मिलेगी। बसंत उत्सव के दौरान यहां फूलों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। जिन्हें निहारने के लिए भारी संख्या में लोग यहां आने वाले हैं। पिछली बार जब राजभवन में बसंत उत्सव का आयोजन हुआ था तब, यहां ढाई लाख से ज्यादा लोग आए थे। इस बार ये संख्या और ज्यादा बढ़ सकती है। जिसको ध्यान में रखते हुए सभी तैयारियां की जा रही हैं।
उद्यान विभाग के सचिव विनोद कुमार सुमन ने मीडिया को बताया कि दरअसल उत्तराखंड को पुष्प प्रदेश बनाने के मकसद से हर साल बसंत ऋतु में बसंत उत्सव का आयोजन किया जाता है। इस दौरान उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की ओर से फूलों की प्रदर्शनी लगाई जाती है। बसंत उत्सव के बारे में प्रदेश के राज्यपाल लेफ्लिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में पहले 150 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फूलों का उत्पादन होता था, जो अब बढ़कर 670 हेक्टेयर हो गया है। पुष्प प्रदर्शनी में कट फ्लावर, लूज फ्लावर प्रबंधन, बोनसाई, बागवानी के लिए गमले, रूफटॉप गार्डनिंग में सब्जियां आदि विषयों पर प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी। इसके अलावा ड्राइंग कॉम्पिटीशन, क्विज और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होगा।
फूलों की इस प्रदर्शनी में पहली बार हाईड्रोपोनिक तकनीक का प्रदर्शन किया जाएगा। बसंत उत्सव में लगने वाली फूलों की इस प्रदर्शनी से एक तरफ जहां फूल उत्पादकों के लिए बाज़ार उपलब्ध होगा। तो वहीं पुष्प प्रेमियों को भी अलग-अलग किस्मों के फूल एक साथ देखने को मिलेंगे। सरकार का लक्ष्य है कि उत्तराखंड पुष्प उत्पादन में अव्वल हो सके। उसी को ध्यान में रखते हुए इस तरह के भव्य आयोजन किये जा रहे हैं। उत्तराखंड में तेजी से फूलों का उत्पादन बढ़ रहा है और ये रंग-बिरंगे फूल देवभूमि की खूबसूरती में चार-चांद लगा रहे हैं।