Uttarakhand Forest Fire: उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग की बढ़ती घटनाओं से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चिंतित हैं। यही वजह है कि उन्होंने दिल्ली में होने के बावजूद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अहम बैठक की। इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने वन विभाग की कार्ययोजना की समीक्षा की और अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। देहरादून सचिवालय में शासन के आला अधिकारी इस बैठक में मौजूद रहे।
चारधाम यात्रा की समीक्षा
सीएम धामी ने बैठक में वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं की रोकथाम और पेयजल संकट से निपटने के साथ ही चारधाम यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने सभी अधिकारियों को समन्वय के साथ कार्य करने, वनाग्नि के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ ही सौर ऊर्जा पर विशेष ध्यान देने, जल संरक्षण और संवर्धन के साथ ही चारधाम यात्रा के लिए सभी तैयारियों को चाक चौबंद करने के निर्देश दिए हैं।
‘वनाग्नि हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती है’
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वनाग्नि हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती है। इस वर्ष भी वनाग्नि को लेकर जितने भी हमारे वरिष्ठ अधिकारी हैं, उनकी जिम्मेदारी तय हो। उन्होंने कहा कि 10 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुल रहे हैं। तेजी से चार धाम यात्रा शुरू हो जाएगी, जिसके लिए भी तैयारियां की गई हैं। जो काम 10 तारीख तक समाप्त होने हैं, उसके लिए निर्देश दिए गए हैं। पेय जल की व्यवस्थाओं पर भी चर्चा की गई है। जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। सड़कों की स्थिति ठीक हो, उसके लिए अलग-अलग अधिकारियों की जिम्मेदारियां तय की गई हैं।
आपदाओं की रोकथाम के लिए तैयारियां करने के निर्देश
सीएम धामी ने कहा कि हर साल जो आपदाएं हमें देखनी पड़ती हैं, उसकी तैयारियों के लिए भी कहा गया है। इस गर्मी के मौसम में बिजली की व्यवस्था बनी रहे, उस पर भी चर्चा की गई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में हम रेनवॉटर हार्वेस्टिंग और सूर्य घर योजना की शुरूआत अपने कार्यालय से कर रहे हैं। सौर ऊर्जा के लिए इस बार हमने बजट में अतिरिक्त रूप से 100 करोड़ की धनराशि का भी प्रावधान किया है।
सीएम के निर्देशों का होगा पालन
राज्य की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से मिले निर्देशों का शत प्रतिशत अनुपालन किया जाएगा। बता दें कि बारिश से जंगलों की आग से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। प्रदेश के पांच पहाड़ी जिलों में आज बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले में शनिवार को बारिश की संभावना जताई है।
उत्तराखंड का 70 प्रतिशत भाग वनों से आच्छादित
जंगलों में लगी आग पर डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि उत्तराखंड का 70% भाग वनों से आच्छादित है। यह वन और वन्यजीव संरक्षण को न केवल वन विभाग के लिए, बल्कि पुलिस विभाग के लिए भी सर्वोच्च प्राथमिकता का विषय बनाता है।इसको लेकर बैठकें हो चुकी हैं।
9 जिलों में दर्ज हुए मामले
डीजीपी ने कहा कि संयुक्त रणनीति के तहत पुलिस विभाग और वन विभाग जंगल की आग से प्रभावित क्षेत्रों को चिह्नित कर जांच करेगा कि आग जानबूझकर तो नहीं लगाई गई। अब तक 9 जिलों में मामले दर्ज किए गए हैं और एक मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जंगल की आग की रोकथाम पुलिस विभाग के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है।
जंगलों की आग हुई विकराल
गौरतलब है कि शुक्रवार को जंगलों की आग और भड़क गई। 24 घंटे के भीतर वनाग्नि की 64 घटनाएं सामने आई हैं। इसमें गढ़वाल में 30 और कुमाऊं में 29 घटनाएं शामिल हैं। इसके साथ ही, पांच घटनाएं वन्यजीव क्षेत्रों में सामने आई हैं। आग से 24 घंटे के अंदर 74.67 हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हो गया।