Insurance Policy: किसी भी कंपनी की इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले सभी शर्तें ध्यान से पढ़ लें। ऐसा न करने पर आपको परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। ऐसे ही एक मामले में राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने शर्तों की जानकारी न होना उपभोक्ता की गलती मानी।
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने पांच साल पहले उपभोक्ता के पक्ष में दिए गए हरिद्वार जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के फैसले को निरस्त कर दिया। रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ने हरिद्वार जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के 19 जनवरी 2019 के फैसले के विरुद्ध राज्य आय़ोग में अपील की थी।
हरिद्वार के निवासी पीयूष रस्तोगी ने रिलायंस कंपनी से गारंटीड मनी बैक प्लान लिया था। इस प्लान के अनुसार, हर साल 29 हजार 657 रुपये का प्रीमियम देना था। यह प्लान 15 साल का था। पीयूष ने एक प्रीमियम भरने के बाद पॉलिसी कैंसिल कराते हुए प्रीमियम लौटाने की मांग की।
कंपनी के नियम के अनुसार, पॉलिसी लेने के केवल पांच दिन के अंदर ही कैसिल करा सकते हैं। पॉलिसी कैंसिल कराने के बाद उसका प्रीमियम 5 साल के लॉक इन पीरियड के बाद कुछ पैसों की कटौती के साथ दिया जाएगा। वहीं, पीयूष रस्तोगी पक्ष का कहना है कि पांच दिन की अवधि के बारे में उन्हें जानकारी नहीं दी गई। इस पर जिला आयोग ने पीयूष के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कंपनी को 6 प्रतिशत की दर से प्रीमियम देने का आदेश दिया था।
राज्य आयोग अध्यक्ष कुमकुम रानी औऱ सदस्य बीएसए मनराल ने कंपनी की अपील की सुनवाई की। उन्होंने देखा कि कंपनी की शर्त के अनुसार 5 दिन के अंदर पॉलिसी कैंसिल कराने पर प्रीमियम लौटा दिया जाता है। राज्य आयोग ने 9 सितंबर 2024 को दिए अपने आदेश में जिला आयोग के फैसले पर कठोर टिप्पणियां कीं।
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राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग की पूर्व सदस्य वीणा शर्मा ने कहा कि कोई भी बीमा पॉलिसी लेते समय सभी शर्तों को ठीक से पढ़ लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि कंपनी की प्रमुख शर्तें काफी महीन अक्षरों में लिखी रहती हैं। इन्हें पढ़ना थोड़ा मुश्किल होता है। पॉलिसी लेने से पहले किसी वित्तीय विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।
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