Uttarakhand Poor Health System : उत्तराखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक युवक को 4 जगह रेफर किए जाने के बाद भी उसकी जान नहीं बच पाई। यह मामला पौड़ी के नैनीडांडा ब्लॉक का है। नैनीडांडा ब्लॉक में एक युवक को बीमार पड़ने पर एक के बाद एक चार अस्पतालों ने रेफर किया। परिजन जब युवक को उपचार के लिए दिल्ली ले जा रहे थे, तभी रास्ते में युवक ने दम तोड़ दिया। घटना के बाद परिजनों में आक्रोश है।
परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए डीएम और सीएमओ पौड़ी से मामले में कार्रवाई करने की मांग की है। परिजनों ने कहा कि पहाड़ में लचर स्वास्थ्य सेवा के चलते परिवार ने असमय एक युवक को खो दिया। वहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी पौड़ी ने प्रभारी चिकित्सा अधिकारी नैनीडांडा का स्पष्टीकरण तलब किया है। कहा है कि एक सप्ताह के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नैनीडांडा ब्लॉक के देवलधर गांव निवासी 24 वर्षीय अमित रावत कुछ दिनों पहले पूजा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गांव आया था। वह दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करता है। गांव में 22 मई की रात को अमित की तबीयत खराब हो गई। ग्रामीण चारपाई पर रखकर उसे दो किमी की चढ़ाई चढ़कर सड़क पर लाए। यहां से 108 एंबुलेंस के माध्यम से अमित को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धुमाकोट ले गए। यहां डॉक्टर तैनात नहीं होने पर परिजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नैनीडांडा ले गए। यहां डॉक्टर ने उपचार के बाद अमित को सीएचसी रामनगर रेफर कर दिया। वहां सीटी स्कैन के बाद डॉक्टरों ने मरीज को मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी रेफर कर दिया। यहां से भी डॉक्टरों ने उसे दिल्ली रेफर कर दिया।
अमित के परिजनों ने बताया कि अमित के एक हाथ और एक पांव ने अचानक काम करना बंद कर दिया था। इसके चलते ग्रामीणों के सहयोग से दो किमी की चढ़ाई चढ़कर परिजन अमित को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धुमाकोट लाए, लेकिन वहां पता चला कि दो महीने से अस्पताल में डॉक्टर ही नहीं है। कहा कि सीएचसी नैनीडांडा के डॉक्टरों ने उसे सीएचसी रामनगर रेफर किया, जहां सीटी स्कैन के बाद डॉक्टरों ने न्यूरो सर्जन से जांच कराने के लिए मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी रेफर किया। यहां डॉक्टरों ने न्यूरो फिजीशियन नहीं होने पर उसे दिल्ली रेफर किया।
परिजनों ने बताया कि दिल्ली ले जाते समय अमित ने आधे रास्ते में दम तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि डीएम व सीएमओ पौड़ी से मामले की शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। प्रभारी सीएमओ डॉ. पारुल गोयल ने बताया कि प्रभारी चिकित्सा अधिकारी नैनीडांडा डा. आशुतोष त्रिपाठी का स्पष्टीकरण तलब कर एक सप्ताह में जवाब मांगा गया है। उन्होंने कहा कि संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर मामले में कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।