Ratan Tata Passed Away: भारत के मशहूर बिजनेसमैन और पद्म विभूषण रतन टाटा अब इस दुनिया में नहीं रहे। उनका 86 साल की उम्र में 9 अक्टूबर की रात 11 बजे निधन हो गया। वे टाटा संस के मानद चेयरमैन थे। उन्होंने मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, उद्योगपति मुकेश अंबानी, गौतम अदाणी और आनंद महिंद्रा समेत कई हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है।
28 दिसंबर 1937 को हुआ था जन्म
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। वे टाटा ग्रुप के फाउंडर जमशेदजी टाटा के परपोते थे। टाटा 1990 से 2012 तक ग्रुप के चेयरमैन रहे।
रतन टाटा ने 1998 में टाटा इंडिका नाम की कार बनाई। यह देश की पहली स्वदेशी कार थी। हालांकि, इससे कंपनी घाटे में चली गई और टाटा ने अपने कार को बिजनेस को बेचने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने 1999 में अमेरिका की मशहूर कंपनी फोर्ड से बात की।
फोर्ड ने किया रतन टाटा का अपमान
रतन टाटा की फोर्ड के चेयरमैन बिल फोर्ड के साथ मीटिंग तय हुई। इस मीटिंग में टाटा को अपमानित होना पड़ा, क्योंकि फोर्ड ने बयान दिया कि वे टाटा के कार कारोबार को खरीदकर उन पर एहसान कर रहे हैं। मीटिंग के बाद टाटा ने कर कारोबार को बेचने का फैसला कैंसिल कर दिया।
साल 2008 यानी 9 साल बाद स्थिति काफी बदल गई। फोर्ड दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गई। तब टाटा में फोर्ड के दो पॉपुलर प्रोडक्ट जगुआर और लैंड रोवर को 2.3 बिलियन डॉलर में खरीदा। आज इसकी कीमत 19 हजार करोड़ है।
2008 में लॉन्च किया नैनो
इसके अलावा, टाटा ने जब मुंबई की तेज बारिश में चार लोगों को बाइक पर भींगते हुए देखा तो उन्होंने नैनो कार बना डाला। इसकी कीमत एक लाख रुपये रखी गई थी। इसे 2008 में लॉन्च किया गया था।
रतन टाटा कहा करते थे कि मैं सही फैसले में विश्वास नहीं करता। पहले मैं फैसले लेता हूं। फिर उसे सही साबित करता हूं।