Lord Tungnath Doli: पंचकेदारों में प्रतिष्ठित तृतीय केदार श्री तुंगनाथ की उत्सव डोली गुरुवार को शीतकालीन गद्दीस्थल श्री मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ में विराजमान हो गई। इसी के साथ श्री मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ में भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन पूजा शुरू हो गई है।
डोली के मक्कूमठ पहुंचने के अवसर पर स्थानीय जनता और श्रद्धालुओं ने श्री तुंगनाथ की डोली का भब्य स्वागत किया। यात्रा मार्ग पर हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा तुंगनाथ की उत्सव डोली के दर्शन किए। शीतकालीन गद्दीस्थल श्री मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ को श्री तुंगनाथ की डोली के पहुंचने पर फूलों से सजाया गया।
भगवान तुंगनाथ की उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल पहुंचने पर अपने संदेश में श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने बताया कि इस यात्रा वर्ष 1,73,742 तीर्थयात्रियों ने भगवान तुंगनाथ के दर्शन किए। बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने भी श्री तुंगनाथ की उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल पहुंचने पर श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं।
तुंगनाथ मंदिर के कपाट 4 नवंबर को शुभ मुहूर्त पर विधि-विधान से पूजा अर्चना करने के बाद बंद शीतकाल के लिए बंद हो गए थे। कपाट बंद होने के बाद 4 नवंबर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह डोली ने चोपता प्रवास किया। 5 नवंबर और 6 नवंबर को चल विग्रह डोली दूसरे पड़ाव भनकुंड प्रवास पर रही। 7 नवंबर को सुबह भनकुंड से प्रस्थान कर भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ पहुंची।
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भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह मूर्ति को श्री मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ मंदिर गर्भगृह में स्थापित कर दिया गया। बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि इसी के साथ श्री मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ में भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन पूजा शुरू हो गई है।
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