साल 2013 में उत्तराखंड में आपदा के बाद रुद्रप्रयाग के बहुत से हिस्सों में अक्सर भू-धंसाव की घटनाएं होती रहती हैं। रुद्रप्रयाग के जिला कार्यालय के आस-पास भी जमीने धंस रही है। इससे निपटने के लिए जिले के डीएम की तरफ से पहल की गई और उद्यान विभाग अपने काम पर लग गया। इस इलाके में जहां भूघंसाव हो रहा है वहां पर कार्पेट घास तेजी से बिछाई जा रही है, जो भरभराकर गिरती मिट्टी की परतों को पकड़कर इलाके की इफाजत करेगी। भूधंसाव के चलते जिला कार्यालय भी खतरे में आ गया है। इससे निपटने के लिए कम खर्च में डीएम की सराहनीय पहल मानी जा रही है।
रूद्र प्रयाग में सड़क के किनारों पर चार धामों की ये धार्मिक आकृतियां उकेरी गई हैं। बंजर जमीन पर कार्पेट घास उगाई जा रही है। ये हरी घास न सिर्फ इन वादियों हरा भरा बनाएंगी बल्कि, भविष्य में बर्बादी से इस इलाके को महफूज रखने वाली है।
रुद्र प्रयाग के जिला कार्यालय के आस-पास हर तरफ चमक नजर आ रही है। दीवारों से लेकर जमीनी दरारों तक की तस्वीरें बदल गई है। अब आप सोच रहे होंगे कि ये सबकुछ किसी बड़े आयोजन को लेकर किया गया है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। बिछाए जा रहे घास के कार्पेट किसी खतरे के खिलाफ खड़ी है। जिसके बारे में विस्तार से हम आपको बताने जा रहे है।
क्यु बिछाए जा रहे घास के कार्पेट
साल 2013 में उत्तराखंड में आपदा के बाद रुद्र प्रयाग के बहुत से हिस्सों में अक्सर भू-धंसाव की घटनाएं होती रहती हैं। रुद्रप्रयाग के जिला कार्यालय के आस-पास भी जमीने धंस रही है। इससे निपटने के लिए जिले के डीएम की तरफ से पहल की गई और उद्यान विभाग अपने काम पर लग गया। इस इलाके में जहां भूघंसाव हो रहा है वहां पर कार्पेट घास तेजी से बिछाई जा रही है। जो भरभराकर गिरती मिट्टी की परतों को पकड़कर इलाके की इफाजत करेगी। भूधंसाव के चलते जिला कार्यालय भी खतरे में आ गया है। इससे निपटने के लिए कम खर्च में डीएम की सराहनीय पहल मानी जा रही है।
रुद्र प्रयाद के डीएम डॉ सौरभ गहरवार की पहल पर उद्यान विभाग जमीन पर उतरा है। इलाके में सीधी टलान पर कार्पेट घास बिछाना भी अपने आप में चुनौती है। 7 लाख की लागत से 2669 वर्ग मीटर में ये घास लगाई जा रही है। इस जमीन पर घआस के साथ साथ फूलों को भी लगाने काम शुरू किया जाना है।
जिला कार्यालय के आस-पास की जमीन को धंसाव से बचाने के लिए लगाई गई घास न सिर्फ जिला कार्यालय की हिफाजत करेगी, बल्कि फूलों की बिखेरती चमक यहां की सुंदरता में चार चांद लगाने वाली है। जिलाधिकारी की ये पहल न सिर्फ अपने आगोश में खूबसूरती समेट कर लाई है बल्कि धंसती जमीन को भी आपस में बांध कर आधार देने वाली है।