Kedarnath Dham: केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद केदारपुरी चहल-पहल थम गई है। जिला प्रशासन ने कपाट बंद होने के दो दिन के भीतर ही केदारपुरी को साफ कर दिया है। ऐसे में केदारपुरी जहां स्वच्छ और सुन्दर नजर आ रही है, वहीं बड़ी मात्रा में पर्यावरण को होने वाले नुकसान से भी बचाया गया है।
केदारनाथ धाम में इस वर्ष 16 लाख 52 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए। विषम परिस्थितियों के बावजूद भी बाबा केदार के दरबार में भक्तों का तांता लगा रहा।
केदारनाथ यात्रा के दौरान जिला प्रशासन ने लोगों की खूब मदद की। केदारनाथ पैदल मार्ग पर आई आपदा के एक महीने बाद ही पैदल मार्ग से लेकर राजमार्ग को दुरुस्त किया गया, जिसका परिणाम यह रहा कि यात्रा के अंतिम चरण में लाखों की संख्या में भक्त केदारनाथ धाम पहुंचे और स्थानीय लोगों को भरपूर रोजगार मिला।
इस वर्ष की यात्रा में डीएम डॉ. सौरभ गहरवार ने यात्रा की पूरी कमान को संभालते हुए हर मोर्चे पर सफलता पाई, जिससे तीर्थ यात्रियों के चेहरे पर मुस्कान देखने को मिली।
पिछले वर्षो की तुलना में इस वर्ष की यात्रा में यात्रा मार्ग पर अच्छा खासा रोजगार लोगों को मिला। छोटे से लेकर बड़े व्यापारी को लाभ पहुंचा। जिस कारण लोगों ने इस बार की दीपावली भी बड़े धूमधाम से मनाई।
केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद जहां-तहां फैले कूड़े को साफ कर जिला प्रशासन ने एक मिसाल पेश की है। केदारनाथ धाम से लेकर यात्रा मार्ग में क्विटंलों की मात्रा में कूड़ा-कचरा फैला हुआ था। जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंच सकता था।
डीएम सौरभ गहरवार के निर्देश पर केदारनाथ धाम से लेकर पूरे यात्रा मार्ग को दो दिनों के भीतर गंदगी से मुक्त किया गया, जिससे धाम अब साफ-सुथरा नजर आ रहा है। धाम की पवित्रता और सुंदरता को बनाये रखने को लेकर जिला प्रशासन के इस ठोस प्रयास की चारों ओर सराहना हो रही है।
सुलभ इंटरनेशनल के इंचार्ज धनंजय पाठक ने बताया कि डीएम सौरभ गहरवार के निर्देश पर कपाट बंद होने के तुरंत बाद केदारपुरी में तेजी के साथ नगर पंचायत एवं सुलभ के पर्यावरण मित्रों ने सफाई अभियान चलाया, जिससे धाम में गंदगी ना फैले और पर्यावरण सुरक्षित रहे। दो दिनों में केदारपुरी को नीट एंड क्लीन किया गया है।
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