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Banbhulpura: एक सप्ताह बाद लोगो को मिली कर्फ्यू से राहत, इंटरनेट सेवाएं अभी भी बंद

Haldwani Violence| Banbhulpura| shreshth bharat

उत्तराखंड के बनभूलपुरा में रहने वाले लोगों को राहत मिली है। आठ फरवरी को कुछ लोगों ने नगर निगम की टीम पर पथराव किया था, जिसके बाद पुलिस और कुछ लोगों के बीच झड़प हुई थी। इलाके के हालात बेकाबू हो गए थे, जिसके बाद बनभूलपुरा के आसपास के क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया था। बनभूलपुरा के आसपास के क्षेत्र में सात घंटे की ढील दी गई है। तो वहीं संवेदनशील क्षेत्रों में दो घंटो की छूट दी गई है। छात्रों को परीक्षा में बैठने की छूट दी गई है।

डीएम वंदना ने बुधवार की रात आदेश जारी किया था। जारी आदेश में बताया गया कि क्षेत्र में वर्तमान स्थिति को देखते हुए कर्फ्यू में ढील देने का फैसला किया गया है। बनभूलपुरा थाना क्षेत्र गौजाजली, रेलवे बाजार, एफसीआई गोदाम परिसर में सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक कर्फ्यू में ढील बरती जाएगी। बनभूलपुरा क्षेत्र में सुबह नौ बजे से पूर्वाह्न 11 बजे तक ही छूट रहेगी।

मजिस्ट्रेट से अनुमती लेना है आवश्यक

दी गई छूट के दौरान आवश्यक वस्तुओं से संबंधित दुकान ही खुली रहेगी। जरूरी वस्तुओं के खरीद बिक्री के लिए लोग बाहर निकल सकते है। साथ ही वस्तुओं से संबंधित गाड़ियो के यातायात पर मजिस्ट्रेट से अनुमती लेनी होगी।

छात्रों के लिए बदले गए नियम

बोर्ड की परीक्षा देने वाले छात्रों और प्रतियोगियों को परीक्षाओं में शामिल होने के लिए प्रवेश पत्र ही मान्य होगा। छात्र बिना प्रवेश पत्र के परीक्षा नहीं दे पाएगें। परीक्षा देने वाले छात्र के परिजनों को यातायात में ढील मिली है। हांलाकि, अभी भी इलाकों में इंटरनेट की सेवा बंद है।

क्षेत्र में सफाई व्यवस्था ठप

हिंसा के बाद से ही बनभूलपुरा के आसपास के क्षेत्रों में साफ-सफाई की व्यवस्था बंद से बत्तर हो गई है। पठराव में लोगों ने निगम के 65 कर्मचारियों को घायल कर दिया था, जिसके कारण कर्मचारियों ने क्षेत्र में सफाई करने से मना कर दिया है। हांलाकि, निगम प्रशासन निजी बुलडोजर, डंपर और बाहरी श्रमिकों की सहायता से व्यवस्था बनाने की कोशिश में लगा है। लेकिन इन तमाम कोशिशों के बाद भी क्षेत्र में सफाई काफी नहीं है।

कर्मचारियों को चाहिए सुरक्षा की गारंटी

निगम के कर्मचारियों ने मेंग की है कि स्वच्छता कर्मचारी तब ही काम करेंगे जब सरकार उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाएगी। गौरतलब है कि आठ फरवरी को हुए हिंसा में पुलिस, निगम, प्रशासन और मीडिया से जुड़े करीब 300 लोग घायल हुए थे। इसको देखते हुए स्वच्छता कर्मचारीयों ने यह मांग सामने रखी है।


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