ITR Rules Change: इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर फाइल करने वालों के लिए जरूरी खबर है। आईटीआर फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है। इस बार सरकार की तरफ से टैक्स संबंधी कई नियमों में बदलाव किया गया है। इसलिए आईटीआर भरने से पहले आपको इन नियमों को अच्छी तरह से जान लेना जरूरी है, नहीं तो टैक्स रिफंड नहीं मिलेगा।
ITR Rules Change: टैक्स स्लैब-रेट में बदलाव
नए नियमों के अनुसार, टैक्स स्लैब और रेट में बदलाव किया गया है। ऑप्शनल न्यू टैक्स रिजिम के तहत नए टैक्स स्लैब पेश किए गए हैं। ये बिना किसी कटौती और छूट के कम टैक्स रेट पेश करते हैं। ओल्ट टैक्स रिजिम चुनने पर विभिन्न कटौली और छूट के लिए क्लेम किया जा सकता है, लेकिन न्यू टैक्स रिजिम प्रक्रिया को काफी आसान बनाती है। हालांकि, अधिकांश कटौती को यह खत्म कर देती है।
ITR Rules Change: फॉर्म में किया गया बदलाव
आईटीआर फॉर्म में विदेशी संपत्तियों और आय के साथ बड़े लेन-देनके संबंध में खुलासा करने को लेकर नियमों में बदलाव किए गए हैं। इसके तहत टैक्सपेयर को जुर्माने से बचने के लिए विस्तत जानकारी देनी होगी।
स्टैंडर्ड डिडक्शन की शुरुआत
बता दें कि पेंशन लेने वालों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की शुरुआत की गई है, जो पेंशन आय पर लागू होगी। पेंशनर्स टैक्स योग्य आय को कम करने के लिए इस कटौती का दावा कर सकते हैं।
होम लोन के ब्याज पर मिलेगी ज्यादा छूट
नए नियमों के मुताबिक, धारा 80 EEA के तहत होम लोन पर ब्याज के लिए डेढ़ लाख रुपये की अतिरिक्त कटौती बढ़ा दी गई है। ऐसा नए होम लोन लेने वाले टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए किया गया है।
सीनियर सिटीजन को राहत
नए नियमों के तहत, सीनियर सिटीजन (75 साल या उससे ऊपर), जिनकी आय सिर्फ पेंशन और ब्याज है, उन्हें आईटीआर भरने में छूट प्रदान की गई है। हालांकि, बैंक को जरूरी टैक्स काटना होगा। इसके साथ ही, गवर्नमेंट ने फेसलेस असेसमेंट और अपील मैकेनिज्म का विस्तार किया है। इसका मकसद ह्यूमन इंटरफेस को कम करना और ट्रांसपैरेंसी में सुधार लाना है। हर टैक्सपेयर्स को नोटिस का जवाब तय समय सीमा के अंदर देना चाहिए।
धारा 80 C की लिमिट में बदलाव
अब आप पीपीएफ, एनएससी और जीवन बीमा प्रीमियम में निवेश करते धारा 80 C के तहत डेढ़ लाख रुपये तक की छूट पा सकते हैं। इसके साथ ही अपनी फैमिली और माता-पिता के हेल्थ इंश्योरेंस के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर हाई टैक्स डिडक्शन का दावा किया जा सकता है। बता दें कि टीडीएस और टीसीएस का दायरा बढ़ाया गया है।
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